चीन की ऑटो कंपनी SAIC जल्द करेगी भारतीय बाजार में प्रवेश, शुरू की उच्च पदों पर भर्तियां
SAIC मोटर्स जल्द ही ऐसी पहली चीनी ऑटो कंपनी बन सकती है जो अपनी कार भारत में बेचेगी। चीन की इस ऑटो कंपनी ने प्रमुख पदों पर भर्तियां करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। SAIC मोटर्स जल्द ही ऐसी पहली चीनी ऑटो कंपनी बन सकती है जो अपनी कार भारत में बेचेगी। इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीन की इस ऑटो कंपनी ने प्रमुख पदों पर भर्तियां करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक चीन की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी SAIC मोटर्स ने भारत में एमजी मोटर इंडिया नाम से अपनी एक कंपनी रजिस्टर्ड करवाई है। यह भारत में एमजी ब्रांड से अपने वाहनों की बिक्री करेगी, जो कि एक ब्रिटिश ब्रांड है। SAIC ने एक दशक पहले इस ब्रांड को चीनी कंपनी नानजिंग ऑटोमोबाइल्स से खरीदा था।
जनरल मोटर्स के पूर्व भारत प्रमुख राजीव छाबा एमजी मोटर इंडिया के नए सीईओ होंगे। फाइनेंस, एचआर, पर्चेज, आईटी और अन्य काम के लिए कम से कम सात लोगों को जल्द ही नियुक्त किया जाएगा।
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- जीएम इंडिया के पूर्व कार्यकारी पी बालेंदरन भी मुख्य कार्यकारी के तौर पर इस चीनी कंपनी को ज्वॉइन करेंगे।
- छाबा और बालेंदरन दोनों ही वर्तमान में सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं उनकी आधिकारिक नियुक्ति बाद में होगी।
- एमजी मोटर इंडिया बोर्ड में यह दो भारतीय हैं जबकि शेष छह सदस्य चीनी नागरिक हैं।
- SAIC के पास जनरल मोटर्स की गुजरात के हलोल में स्थित कारखाने को अधिग्रहण करने के लिए प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी भी है।
- लेकिन अंतिम सौदा जीएम पर निर्भर है, जो चीन में SAIC की पार्टनर भी है, हलोल प्लांट में श्रमिकों से जुड़े कुछ मुद्दे सुलझाना बाकी हैं।
- यदि अगले महीने के बीच तक श्रमिकों का मुद्दा सुलझ जाता है, तो चीन की कंपनी अप्रैल में इस कारखाने का अधिग्रहण करने को तैयार है।
- और इस कारखाने से पहला वाहन अगले साल के अंत तक या 2019 की शुरुआत में बाजार में आ जाएगा।
- यदि ऐसा नहीं होता है तो SAIC की योजना नया कारखाना स्थापित करने की है।
- जहां एक ओर चीनी कंपनियां भारत में खिलौने से लेकर टेलीकॉम उपकरणों तक की बिक्री भारत में करती हैं, वहीं ऑटो कंपनियां देश में अभी तक सफलता हासिल नहीं कर पाई हैं।
- इंडस्ट्री विशेषज्ञों के मुताबिक इसके पीछे मुख्य वजह क्वालिटी हो सकती है।
- विशेषज्ञ कहते हैं कि कई वैश्विक कंपनियां जैसे फॉक्सवैगन, फिएट, फोर्ड मोटर और जीएम एक दशक से भी ज्यादा समय से भारत में मौजूद हैं लेकिन फिर भी संघर्ष कर रही हैं, इससे भी चीनी कंपनियां सावधानी बरत रही हैं।
- लेकिन यदि चीनी कंपनियां क्वालिटी को लेकर ग्राहकों को संतुष्ट करने में सफल रहती हैं तो कीमत के प्रति सजग भारतीय बाजार में अपार सफलता हासिल कर सकती हैं।
- इतना ही नहीं चीनी ऑटो कंपनियां बाजार लीडर मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर को कड़ी चुनौती भी दे सकती हैं।
- SAIC ने मार्केट स्टडी के लिए केपीएमजी को नियुक्त किया है, जबकि पीडब्ल्यूसी जीएम प्लांट के मूल्य की स्टडी कर रही है।