नई दिल्ली। सहारा ग्रुप से पैसे की वसूली के लिए बाजार नियामक सेबी उसकी 16 और प्रॉपर्टी (भू-संपत्तियों) की ई-नीलामी करने की तैयारी में है। जमीन के इन 16 टुकड़ों का आरक्षित मूल्य करीब 1,900 करोड़ रुपए है। सेबी की ओर से 10 अन्य जमीन के टुकड़ों को बेचने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। इनमें पांच-पांच भू-संपत्तियों की नीलामी अगले महीने चार और सात तारीख को की जानी है। इसके लिए उनका कुल आरक्षित मूल्य 1200 करोड़ रुपए रखा गया है। इस तरह बिक्री की नई लिस्ट को मिलाकर अब तक नीलाम की जाने वाली संपत्तियों का कुल न्यूनतम मूल्य 3,100 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। आने वाले दिनों में ऐसी और संपत्तियों को नीलाम करने के लिए नोटिस जारी होने की संभावना है।
एसबीआई कैप ने आज जारी एक सूचना में कहा कि वह 13 जुलाई को आठ परिसंपत्तियों की नीलामी करेगी। इसके लिए कुल आरक्षित मूल्य 1,196 करोड़ रुपए तय किया गया है। एचडीएफसी रीयल्टी ने एक अलग सूचना में कहा कि वह 15 जुलाई को 702 करोड़ रुपए से अधिक के आरक्षित मूल्य पर पांच परिसंपत्तियों की नीलामी करेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सेबी ने इस नीलामी के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और एचडीएफसी रीयल्टी को अनुबंधित किया है। इन्हें सहारा समूह के कुल 61 भूखंडों की नीलामी करने का काम दिया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सुप्रीम कोर्ट के सहारा की परिसंपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश के बाद एचडीएफसी रीयल्टी और एसबीआई कैप को इस काम का जिम्मा दिया है। एचडीएफसी रीयल्टी को 2,400 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य पर 31 परिसंपत्तियों को बेचने के लिए कहा गया है जबकि एसबीआई कैप को करीब 4,100 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य पर 30 परिसंपत्तियां बेचने के लिए का जिम्मा दिया गया है। ये देश के विभिन्न इलाकों में हैं। सहारा समूह ने इन परिसंपत्तियों के मालिकाना हक के कागजात सेबी को सौंप दिए हैं। कोर्ट का आदेश है कि इन्हें प्रचलित सर्किल दरों के 90 फीसदी से कम दाम पर नहीं बेचा जाएगा। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की जमानत के लिए जमा कराने की शर्त पूरा करने के लिए यह नीलामी की जा रही है।
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