A
Hindi News पैसा बिज़नेस भारत की GDP ग्रोथ आगे आने वाली तिमाहियों में रहेगी मजबूत, S&P ने जताया अनुमान

भारत की GDP ग्रोथ आगे आने वाली तिमाहियों में रहेगी मजबूत, S&P ने जताया अनुमान

राजकोषीय घाटा अगले दो साल तक ऊंचा बना रहेगा लेकिन कर्ज/जीडीपी अनुपात स्थिर होने का अनुमान है।

S&Psays India to post strong GDP growth in coming quarters - India TV Paisa Image Source : PIXABAY S&Psays India to post strong GDP growth in coming quarters

नई दिल्ली। भारत की आर्थिक वृद्धि दर आने वाली तिमाहियों में मजबूत रहेगी। हालांकि, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के साथ मुद्रस्फीति ऊंची रह सकती है। साख निर्धारण एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को यह कहा। एजेंसी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में यह 7 प्रतिशत रह सकती है। आने वाले समय में राजकोषीय मजबूती सुनश्चित करने के लिए बाजार मूल्य पर ऊंची जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर महत्वपूर्ण होगी।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक (सरकारी) एंड्रयू वूड ने कहा कि भारत के राजकोषीय घाटे की कमजोर स्थिति और जीडीपी के मुकाबले कर्ज 90 प्रतिशत के करीब पहुंचने को देखते हुए राजकोषीय स्थिति में और गिरावट को रोकने और इसे कुछ हद तक सुदृढ़ करने के लिए बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा अगले दो साल तक ऊंचा बना रहेगा लेकिन कर्ज/जीडीपी अनुपात स्थिर होने का अनुमान है।

वूड ने कहा कि महामारी के संदर्भ में भारत की बाह्य स्थिति मजबूत हुई है और देश ने विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड गति से जुटाया है। उन्होंने कहा कि भारत की बाह्य स्थिति काफी मजबूत है और इस तथ्य के बावजूद कि राजकोषीय स्थिति बिगड़ी है, देश की सरकारी साख के लिहाज से यह काफी मददगार है। इंडिया क्रेडिट स्पॉटलाइट 2021 में एसएंडपी के अर्थशास्त्री (एशिया प्रशांत) वी राणा ने कहा कि हम तीसरी और चौथी तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से अच्छी नहीं रही। परिवार प्रभावित हुए हैं- परिवार अपनी जमा-पूंजी को दुरूस्त करने पर ध्यान देंगे और खर्च पर लगाम लगाएंगे। इसका मतलब है कि आर्थिक पुनरूद्धार के साथ गतिविधियां इसके अनुरूप नहीं होंगी।

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में पिछले साल की इसी अवधि में तुलनात्मक आधार कमजोर होने से 20.1 प्रतिशत रही है। इससे पिछली तिमाही जनवरी से मार्च 2021 में वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी। राणा ने कहा कि मुद्रास्फीति तय लक्ष्य के दायरे के उच्च स्तर पर है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक की महंगाई दर पर नजर होगी। भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई दर 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। एसएंडपी ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत को निवेश की सबसे निचली रेटिंग ‘बीबीबी-’ में रखा है।

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने किसानों को दी आज बड़ी खुशबबरी...

यह भी पढ़ें: अब पोस्‍ट ऑफ‍िस से मिलेगा सस्‍ता होम लोन, जानिए कैसे

यह भी पढ़ें: IPO से पहले OYO ने किया बड़ा ऐलान...

यह भी पढ़ें: Yamaha ने हाइब्रिड सिस्‍टम के साथ लॉन्‍च किए दो स्‍कूटर, कम पेट्रोल में तय करेंगे ज्‍यादा लंबी दूरी

यह भी पढ़ें: पाकिस्‍तान को अफगानिस्‍तान में तालिबान का साथ देने की मिली सजा...

यह भी पढ़ें: निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए वेतन से जुड़ी आई बड़ी खुशखबरी

Latest Business News