नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में नौ प्रतिशत गिरावट आने का पूर्वानुमान बरकरार रखा है। एजेंसी ने कहा कि वृद्धि को लेकर जोखिम कम होने की उम्मीदें हैं, लेकिन वह कोविड संक्रमण के स्थिर या कम हो जाने को लेकर मिलने वाले संकेतों का इंतजार करेगी। एसएंडपी ने एशिया प्रशांत क्षेत्र की अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती है। एसएंडपी ने कहा, ‘‘हमने 2020-21 में जीडीपी में नौ प्रतिशत गिरावट और 2021-22 में 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान बरकरार रखा है। महामारी अभी नियंत्रण में नहीं है, लेकिन लोगों की आवाजाही व घरेलू खर्च में तेजी से सुधार हो रहा है। ऐसे में वृद्धि के मोर्चे पर जोखिम कम होने की उम्मीदें हैं।’’ उसने कहा, ‘‘हम इस बात को लेकर अभी और संकेतों का इंतजार करेंगे कि संक्रमण स्थिर हो गया है या कम हुआ है। इसके अलावा हम चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के उच्च आवृत्ति वाले आंकड़ों (मुद्रास्फीति, औद्योगिक उत्पादन आदि) का भी इंतजार करेंगे। इनके बाद ही हम अपने पूर्वानुमान में बदलाव करेंगे।’’ पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर सुधार दर्ज किया है।
पिछले हफ्ते जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है, वहीं पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। लगातार दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ पर अर्थव्यवस्था को आधिकारिक रूप से मंदी में मान लिया जाता है। एनएसओ के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही के दौरान नियत मूल्य (Constant Price) पर दूसरी तिमाही में जीडीपी 33.14 लाख करोड़ रुपये रही है जो कि पिछले साल की इसी तिमाही में 35.84 लाख करोड़ रुपये थी। यानि इसमें 7.5 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में 4.4 फीसदी की बढ़त रही है।
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