नई दिल्ली। रूस की कंपनी रोसटेक स्टेट कॉरपोरेशन ने 200 कामोव 226टी हल्के हेलीकॉप्टर बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने के लिए समझौता किया है। ये हेलीकॉप्टर पुराने हो रहे चीता व चेतक हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे। सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया पहल के तहत यह सौदा अनुमानित एक अरब डॉलर मूल्य का है।
रोसटेक के सीईओ सरगेई केमेजोव ने कहा कि भारत के साथ यह समझौता हमारे भारतीय भागीदारों के साथ लंबे काम का नतीजा है। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर विनिर्माण के लिए संगठन भारत में रूस-भारतीय संयुक्त उपक्रम से सामने आया है, जिसमें रोसटेक-जेएससी रोसो बोरोन एक्सपोर्ट व रशियन हेलीकॉप्टर्स की भागीदारी शामिल है। भारत की ओर से इसमें एचएएल की भागीदारी होगी।
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भारत सरकार द्वारा अपने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कार्यान्वित यह पहली रूस-भारत उच्च प्रौद्योगिकी परियोजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही मॉस्को यात्रा के दौरान दोनों देशों ने हेलीकॉप्टर विनिर्माण के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता किया था। इस आशय के दस्तावेज पर मोदी व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस दस्तावेज के अनुसार रोसटेक भारत में रूसी केए-226टी हेलीकॉप्टर बनाएगी। इनकी संख्या 200 से कम नहीं होगी। समझौते में हेलीकॉप्टरों का रखरखाव, परिचालन व मरम्मत शामिल है। केमेजोव ने कहा कि इस कार्यक्रम का आगे विस्तार किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मोदी रविवार को तुमुकुर (कर्नाटक) में एचएएल की नई हेलीकॉप्टर उत्पादन इकाई का उद्घाटन करने वाले हैं। सूत्रों ने कहा कि इस इकाई में अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर बनेंगे और वहां कामोव भी बनाए जा सकते हैं।
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