मॉस्को/नई दिल्ली। ट्विटर भारत में अपने प्लेटफॉर्म की गहन जांच के बीच नए आईटी नियमों को लड़ाई लड़ रहा है। इस बीच रूस की एक स्थानीय अदालत ने ट्विटर पर प्रतिबंधित सामग्री को हटाने में विफल रहने के लिए 1.9 करोड़ रूबल (करीब 259,000 डॉलर) का जुर्माना लगाया है। साथ ही अनाधिकृत विरोध के लिए कंपनी का जुर्माना बढ़ाकर 2.79 करोड़ रूबल(380,000 डॉलर) कर दिया गया है। अप्रैल की शुरूआत में रूस में इसी तरह के अपराध के लिए ट्विटर पर 121,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरूआत में मॉस्को कोर्ट ने फेसबुक और गूगल पर इसी तरह के आरोप में जुर्माना लगाया था।
इस बीच, भारत सरकार ने ट्विटर के नवीनतम बयान पर पलटवार किया है, जिसमें साइट ने भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए 'संभावित खतरे' पर चिंता जताई थी। भारत सरकार ने कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म भारत में अपनी शर्तों को निर्धारित करने की कोशिश कर रहा है, और देश की कानूनी व्यवस्था को कमजोर करना चाहता है।
आईटी मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर नए मध्यस्थ दिशानिर्देशों में उन्हीं नियमों का पालन करने से इनकार करता है जिसके आधार पर वह भारत में किसी भी आपराधिक दायित्व से सुरक्षित संरक्षण का दावा कर रहा है।
ट्विटर ने जनता के हितों की रक्षा के लिए एक सहयोगी ²ष्टिकोण और निर्वाचित अधिकारियों, उद्योग और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसपर आईटी मंत्रालय ने कहा, "यह समय है कि ट्विटर खुद भारत के कानूनों का पालन करें।"
व्हाट्सएप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए आईटी नियमों पर भारत सरकार पर मुकदमा दायर किया है, वहीं ट्विटर ने आईटी मंत्रालय से कंपनी के लिए नए मध्यस्थ दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए न्यूनतम तीन महीने के विस्तार पर विचार करने का अनुरोध किया है।
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