भारत और रूस के बीच हुए 16 बड़े करार, देश को मिलेगा S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक के बाद डिफेंस, एनर्जी डील समेत कुल 16 करार पर हस्ताक्षर हुए।
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक के बाद डिफेंस, एनर्जी डील समेत कुल 16 करार पर हस्ताक्षर हुए। भारत-रूस के बीच करीब 40 हजार करोड़ रुपए की डिफेंस डील का एलान किया गया है। डिफेंस डील के तहत इंडियन आर्मी को कुल 200 हेलिकॉप्टर मिलेंगे। इनमें से 40 रूस से आएंगे जबकि बाकी 160 मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत में ही बनाए जाएंगे। दोनों देशों के बीच एडमिरल ग्रिगोरोविच क्लास के स्टील्थ फ्रिगेट को लेकर भी करार हुआ। इंडियन नेवी को ये फ्रिगेट काफी ताकतवर बना देंगे और वो करीब-करीब चीन की बराबरी पर आ जाएगा।
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प्रधानमंत्री ने कहा-रूस के साथ हमारी ऐतिहासिक दोस्ती है
मोदी ने कहा, रूसी कहावत है कि पुराने दोस्त, नए दोस्तों से बेहतर हैं। रूस के साथ हमारी ऐतिहासिक दोस्ती रही है।
पुतिन और मैंने कई मुद्दों पर चर्चा की। हम दोनों के बीच बातचीत काफी कंस्ट्रक्टिव रही। स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर रूस ने भरोसा जताया है। रूस भारत को कामोव हैलिकॉप्टर देगा।
पीएम ने आगे कहा, सिविल न्यूक्लियर पावर (कुडनकुलम-2, 3, 4) के लिए रूस के साथ समझौते किए गए हैं। हमने साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट को लेकर भी दोनों देशों ने डील की है।मोदी ने कहा, दोनों देशों के बीच सालाना मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस होगी। विकास स्वरूप ने कहा कि दोनों देशों के बीच 16 समझौतों पर साइन हुए।
रूस से भारत खरीदेगा एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम
- भारत रूस से पांच ‘S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ और 200 ‘कामोव केए-226 टी’ हेलिकॉप्टर खरीदेगा।
- 200 हैलिकॉप्टर सेना को मिलेंगे। 40 हैलिकॉप्टर रूस से आएंगे। बाकी देश में बनेंगे।
- S-400 डिफेंस सिस्टम में 400 किमी दूर से आ रहे टारगेट को ट्रैक करने की कैपिसिटी रहेगी।
- यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा।
- यह सिस्टम इंडियन आर्मी को जबर्दस्त शील्ड देगा।
दूसरी बार समिट की मेजबानी कर रहा है भारत
- ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका का ग्रुप है।
- समिट में दुनिया की 43% आबादी का रिप्रेजेंटेशन होगा।
- इनकी कुल जीडीपी दुनिया की जीडीपी का 23.1% है।
- भारत इस समिट की दूसरी बार मेजबानी कर रहा है।
- भारत ने शुक्रवार को ब्रिक्स इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च एंड एनालिसिस और ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का प्रस्ताव दिया।
- भारत समिट के जरिए पाकिस्तान को दुनिया से अलग-थलग करने की अपनी मुहिम को आगे बढ़ाएगा।
- पीएम नरेंद्र मोदी रूसी प्रेसिडेंट पुतिन और चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से कई मुद्दों पर अलग से भी बात करेंगे।
- समिट के दौरान ही ‘बिम्सटेक’ की भी मीटिंग होगी।
- इसमें भूटान के पीएम, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड और म्यांमार के लीडर भी शामिल होंगे।