मुंबई। सरकार के आगामी चुनाव से पहले वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उपभोक्ता उत्पाद (एफएमसीजी) क्षेत्र में सुधार आने की उम्मीद है। इस क्षेत्र की कंपनियों की आमदनी पिछले दो साल में औसतन चार प्रतिशत बढ़ी है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने आज एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भले ही इस क्षेत्र के राजस्व वृद्धि में बाद में नरमी आयी हो पर पिछले दशक में इसने 13 प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि दर्ज की है। रिपोर्ट में वृद्धि की अनुमानित दर का उल्लेख किये बिना कहा गया, ‘‘2019 में लोकसभा चुनाव से पहले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढ़ावा देने के सरकार की कोशिशों से अगले साल इस क्षेत्र के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।’’
रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2014-15 तथा वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान खराब मानसून और वेतनमान में कम वृद्धि को एफएमसीजी की नरम वृद्धि के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा गया कि बाद में वित्त वर्ष 2016-17 में नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने भी इसे प्रभावित किया। उसने सावधान करते हुए कहा कि ग्रामीण मजदूरी, कृषि वृद्धि, न्यूनतम समर्थन मूल्य, रोजगार सृजन, उपभोक्ता भरोसा सूचकांक आदि जैसे अधिकांश वृहद आर्थिक सूचक अभी भी सार्थक सुधार के संकेत नहीं दे रहे हैं।
हालांकि 2019 में चुनाव से पहले आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए सरकारी नीतियों में संभावित बदलाव से क्षेत्र का भविष्य बेहतर होगा। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद एफएमसीजी कंपनियों के राजस्व में सुधार होने लगा है और अधिकांश व्यापारिक चैनल जीएसटी के झटके से उबर सामान्य होने लगे हैं।
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