नई दिल्ली। विेदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 68 पैसे की भारी गिरावट के साथ 71.60 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से घरेलू मुद्रा गिरावट आई है।
पिछले आठ कारोबारी सत्र में पहली बार रुपए में गिरावट देखी गई। कच्चे तेल की बढ़ती कीमत भारत के लिए चिंता का विषय है। भारत दुनियाभर में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। कच्चे तेल के दाम बढ़ने से राजकोषीय के साथ ही मुद्रास्फीतिकारी दबाव पैदा होने का खतरा भी होता है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में रुपया 71.54 रुपए प्रति डॉलर पर कमजोर खुला और दिन के कारोबार में 71.63 रुपए तक नीचे गया। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 68 पैसे की भारी गिरावट के साथ 71.60 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पहले गत सप्ताहांत शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 70.92 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा भाव सोमवार को कारोबार के दौरान करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शनिवार को सऊदी अरब के तेल संयंत्र पर ड्रोन के हमले से उसकी आधे से अधिक तेल आपूर्ति प्रभावित हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 70,000 करोड़ रुपए के उपायों की घोषणा की थी। इसके साथ ही कुछ नए खर्चों का भी ऐलान किया था। बहरहाल, सोमवार को इन उपायों का बाजार पर असर नहीं देखा गया। कच्चे तेल के दाम बढ़ने से बाजार की धारणा बुरी तरह प्रभावित हुई।
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