नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंता से परेशान निवेशकों द्वारा सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली की गई, जिसकी वजह से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए ने 74 का स्तर पार कर लिया। सोमवार को रुपया 27 पैसे कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 74.14 के स्तर पर बंद हुआ। सोमवार को रुपया 73.99 पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान इसने 73.85 का उच्च स्तर और 74.17 का निम्न स्तर छुआ। शुक्रवार को रुपया 73.87 के स्तर पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है कि कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट के बीच दुनिया की कई प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले रुपए में गिरावट दर्ज की गई। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बाद कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट ने रुपए को नीचे लाने में बढ़ावा दिया है। अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा में कारोबार की शुरुआत 73.99 रुपए प्रति डॉलर पर हुई। इसके बाद यह ऊंचे में 73.85 रुपए और नीचे में 74.17 रुपए प्रति डॉलर तक गिरा। कारोबार की समाप्ति पर भारतीय रुपया पिछले दिन के मुकाबले 27 पैसे नीचे रहकर 74.14 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पहले गत सप्ताहांत शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 73.87 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
तेल कीमतों में भारी कटौती से धराशाई हुई रूस की मुद्रा
ओपेक के प्रमुख देशों सऊदी अरब और रूस के बीच बातचीत नाकाम रहने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में भारी कटौती हुई, जिसके चलते सोमवार को रूस की मुद्रा रूबल चार साल के निचले स्तर पर जा पहुंची। रूबल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सात प्रतिशत से अधिक टूटकर करीब 74 पर आ गया। इससे पहले 2016 के शुरुआत में यह स्तर देखा गया था।
शुक्रवार को तेल उत्पादकों की बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की उम्मीद थी। रुस इसके लिए सहमत नहीं हुआ। इसके जवाब में सऊदी अरब ने रविवार को तेल कीमतों को लेकर युद्ध छेड़ दिया और कीमतों में पिछले 20 वर्षों की सबसे बड़ी कटौती की। सऊदी अरब ने एशियायी देशों के लिए अप्रैल डिलिवरी का भाव चार डॉलर से छह डॉलर प्रति बैरल के बीच कम किया, जबकि अमेरिका के लिए भाव सात डॉलर कम किया गया है। रूस के केद्रीय बैंक ने कहा है कि वह अगले 30 दिनों के लिए विदेशी मु्द्रा की खरीद को रोक रहा है।
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