मुंबई। मुद्रा बाजार में जारी उथल-पुथल पर लगाम लगाने के उद्देश्य से किए गए रिजर्व बैंक के अनुमानित दखल से आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया सर्वकालिक निचले स्तर से ऊपर उठ गया और 21 पैसे की मजबूती लेकर 68.84 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
शुरुआती कारोबार में रुपए की बिकवाली जारी रही और यह 69.13 रुपए प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया। ऐसा संदेह किया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक बैंकों के जरिये बाजार में दखल दिया तथा कुछ विदेशी बैंकों ने डॉलर की थोड़ी बिक्री की। इससे रुपए को उबरने में मदद मिली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व की ब्याज दर बढ़ाने को लेकर की गई आलोचना तथा मजबूत डॉलर पर चिंता जताने से डॉलर एक साल के उच्चतम स्तर से लुढ़क गया। प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर सूचकांक 0.66 प्रतिशत गिरकर 94.53 पर आ गया।
डॉलर पिछले तीन महीने में पांच प्रतिशत से अधिक मजबूत हो चुका है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक फेड रिजर्व पांच बार ब्याज दर बढ़ा चुका है। डीलरों ने कहा कि घरेलू स्तर पर वृहद आर्थिक कारकों के बिगड़ने तथा वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता के कारण रुपए पर निकट अवधि के लिए दबाव बना रहा।
रुपया आज पिछले दिवस के 69.05 रुपए के स्तर के मुकाबले मामूली मजबूती के साथ 69.01 रुपए प्रति डॉलर पर खुला। हालांकि यह शीघ्र ही लुढ़ककर 69.13 रुपए प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। रिजर्व बैंक के दखल से यह सुधरा और 68.82 रुपए प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अंतत: यह 21 पैसे यानी 0.30 प्रतिशत की मजबूती के साथ 68.84 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
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