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#Impact: 27 महीनों के निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, गिरावट से बढ़ती आम आदमी की चिंता

सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 67.09 के स्तर पर बंद हुआ। यह रुपए का बीते 27 महीने में सबसे निचला स्तर है।

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नई दिल्ली सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 67.09 के स्तर पर बंद हुआ। यह रुपए का बीते 27 महीने में सबसे निचला स्तर है। वहीं 2015 के दौरान रुपए में करीब 5.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। रुपए में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से शेयर बाजार में की गई भारी बिकवाली है। बीते एक महीने में प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स करीब 3.5 फीसदी तक लुढक चुके हैं। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से दिसंबर महीने के दौरान करीब 4000 करोड़ की बि कवाली की जा चुकी है। आने वाले दिनों में रुपए की गिरावट रुकेगी इसके कोई साफ संकेत दिखाई नहीं दे रहे और बाजार के विशेषज्ञ डॉलर के मुकाबले रुपए को 68 के स्तर तक टूटने की आशंका जता रहे हैं।

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि रुपए की यह गिरावट आपकी जेब पर सीधा असर कैसे डालती है? और इस असर को कम करने के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं?

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महंगी होगी विदेश यात्रा

अगर आप विंटर वैकेशन में अपने परिवार के साथ विदेश यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपके लिए रुपए की गिरावट एक चिंता की बात होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भले आपने अपनी फ्लाइट या होटल की बुकिंग करा ली हो लेकिन विदेश में होने वाले खर्चों पर आपको अतिरिक्त रुपए देने होंगे। मसलन, लोकल यातायात, सैर सपाटा, खाना पीना इत्यादि।

बचत के लिए टिप्स

  1. अपनी यात्रा की अवधि घटा दे जैसे 10 दिन की यात्रा को 8 दिन कर दें।
  2. इकोनॉमिक होटल का करें चयन।
  3. घूमने जा रहे हैं तो साइटसींग का पूरा लुफ्त ले भले शॉपिंग को कम कर दें
  4. कार को रेंट पर बुक करने की बजाय पब्लिक ट्रान्सपोर्ट का इस्तेमाल करें
  5. साइटसींग उन दिनों पर करने जाएं जब टूरिस्टों की एंट्री फ्री हो या कोई डिस्काउंट कूपन उपलब्ध हो क्योंकि विदेश ऐसे कई मोन्यूमेंट्स होते हैं जब इस तरह की एंट्री उपलब्ध होती है।

विदेश में पढ़ाई हो जाएगी महंगी

विदेश में पढ़ने वाले बच्चों पर खर्चा रुपए की गिरावट के साथ-साथ बढ़ता जाता है। भारतीय छात्रों के लिए यूएस, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसी जगाहें पढ़ाई के लिहाज से सबसे पसंदीदा ऑप्शन्स हैं। विदेश की यूनिवर्सिटीज में ज्यादा ट्यूशन फीस होती है और ऊंचा रहन सबन का स्तर होता है। जिसकी वजह से भारतीय छात्रों को ज्यादा रुपए खर्च करने होते हैं। जिससे उनकी पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाता है।

कैसे करें बचत

  1. यूनिवर्सिटीज की ओर से डिस्काउंट कूपन का इस्तेमाल करें
  2. फ्री कॉनसर्ट्स और मूवी हॉल स्टूडेंट डिस्काउंट देते हैं
  3. उन स्पेशल कार्ड का प्रयोग करें जो खाने और शॉपिंग पर डिस्काउंट देते हैं

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मंहगाई

रुपए की कीमत में गिरावट आने से देश में होने वाला आयात महंगा हो जाता है। जिससे वस्तुओं के दाम बढ़ जाते हैं। अप्रत्यक्ष रुप से कमजोर रुपया महंगाई की आग को भड़काता है। मसलन रुपए की कमजोरी दालों का आयात महंगा करती है जिससे आम आदमी का मासिक खर्चा बढ़ जाता है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं कहा तक आएगी रुपए में गिरावट?

केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट और गहरा सकती है। केडिया के मुताबिक अगर ब्याज दरें बढ़ी तो एक डॉलर की कीमत 68.40 रुपए तक पहुंच सकती है। ऐसे में प्रमुख करेंस के मुकाबले डॉलर में आई मजबूती के कारण क्रूड और सोने की कीमतों में जो गिरावट आएगी उसका पूरा फायदा भारत को नहीं मिलेगा।

एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सर्विसेज के इंस्टीटूशनल रिसर्च हेड धनंजय सिन्हा ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया 2016 में 70 के पार पहुंच सकता है। सिन्हा ने कहा कि डॉलर के मुकाबले एशियाई करेंसी में गिरावट आगे भी जारी रहेगी, जिसका असर रुपए पर पड़ना तय है।

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