एक महीने के निचले स्तर पर भारतीय रुपया, 1 डॉलर के मुकाबले रुपया 68.29 पर खुला
बुधवार के कारोबारी सत्र में रुपए की शुरुआत मजबूती के साथ हुई है। एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 4 पैसा मजबूत होकर 68.29 पर खुला है।
Ankit Tyagi Jan 04, 2017, 9:12:40 IST
नई दिल्ली। बुधवार के कारोबारी सत्र में रुपए की शुरुआत मजबूती के साथ हुई है। एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 4 पैसा मजबूत होकर 68.29 पर खुला है। जबकि, मंगलवार को रुपया एक महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ था।
अमेरिकी डॉलर में मजबूती से लुढ़का रुपया
- बीते कारोबारी सत्र यानी मंगलवार को रुपया 1 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ।
- डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 68.33 के स्तर पर बंद हुआ।
- वहीं, सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे की भारी गिरावट के साथ 68.22 के स्तर पर बंद हुआ था।
रुपए की कमजोरी से आम आदमी पर होंगे ये असर
आयात महंगा
- रुपया कमजोर होने पर आयात महंगा होगा, क्योंकि अब हम एक डॉलर के बदले पहले से अधिक रुपए चुकाएंगे। इससे चीजों की महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
वाहन
- देश की अधिकांश ऑटो कंपनियां किसी विदेशी पार्टनर के साथ काम करती हैं। गाड़ियों के कंपोनेंट महंगे होंगे तो वाहन भी महंगे हो जाएंगे।
इलेक्ट्रॉनिक आयटम
- इलेक्ट्रॉनिक आयटम या उनके कंपोनेंट भी विदेश से आयातित हाते हैं। ये भी महंगे हो जाते हैं।
फर्टिलाइजर
- देश के कुल फर्टिलाइजर खपत का 50-55 फीसदी हिस्सा हम आयात करते हैं। यह महंगा होगा तो किसानों के लिए दिक्कतें बढ़ेंगी।
मेडिसिन
- मेडिसिन या उनमें इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स का भी बड़े पैमाने पर आयात होता है। इससे दवाइयां महंगी होंगी, आम लोगों की दिक्कतों में इजाफा होगा।
तेल महंगा होगा
- हम अपनी जरूरत का लगभग 75 फीसदी तेल आयात करते हैं। कुछ पैसों का फर्क भी करोड़ों रुपए का भार बढ़ा देता है।
बढ़ेगी महंगाई
- तेल की कीमतों का मुद्रास्फीति से सीधा संबंध है। खासकर डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होते ही मुद्रास्फीति की दर बढ़ जाती है।
घटेगा विदेशी निवेश
- विदेशी निवेशकों के रिटर्न में कमी आती है। इससे वे देश में निवेश करने में कतराने लगते हैं। ऐसे निवेशकों को शेयर बाजार से अच्छे रिटर्न नहीं मिलते है।
रुपए में गिरावट से इनको होगा फायदा
- एनआरआई: एनआरआई विदेशों में डॉलर में कमाते हैं और जब उनके रिश्तेदार या घर वाले भारत में करेंसी एक्सचेंज करते हैं तो अधिक रुपए मिलते हैं।
- एक्सपोर्टर्स: एक्सपोर्टर को एक्सपोर्ट करने पर जो डॉलर मिलते हैं, उनका देश में एक्सचेंज होने पर उन्हें अधिक रुपए मिलते हैं।
- टूरिज्म इंडस्ट्री: रुपया गिरने से विदेशी पर्यटकों को भारत आने पर कम डॉलर खर्च करने पड़ते हैं, जिससे टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलता है।