नई दिल्ली। इस साल के अंत यानी दिसंबर तक रुपया 66 रुपए प्रति डॉलर के स्तर के आसपास पहुंच सकता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाते का घाटा बढ़ने तथा घरेलू शेयर बाजारों के ऊंचे मूल्यांकन के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का इक्विटी में प्रवाह थमने से रुपये में यह गिरावट आ सकती है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (BofAML) की रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक (RBI) अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में कुछ अलग रुख अपनाएगा, जिसमें वह रुपए में कुछ गिरावट आने दे सकता है। ऐसे में वह हर उस मौके पर जब डॉलर में गिरावट आती है अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाएगा।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी BofAML ने कहा कि हमें अमेरिकी डॉलर और रिजर्व बैंक की विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की जरूरत के बीच खींचतान की संभावना दिख रही है। दिसंबर, 2017 तक रुपया 66 रुपए प्रति डॉलर के आसपास रहेगा हालांकि दिसंबर, 2018 में इसके 64 रुपए प्रति डॉलर पर रहने की संभावना है।
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