Good news: 1 साल के निचले स्तर 65 डॉलर प्रति बैरल पर आया कच्चा तेल, रुपए में भी आई 36 पैसे की मजबूती
महंगे तेल की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
नई दिल्ली। महंगे तेल की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी बुधवार को 36 पैसे की मजबूती के साथ 72.31 पर बंद हुआ। घरेलू वायदा बाजार में बुधवार को कच्चे तेल का भाव 4,000 रुपए प्रति बैरल के मनोवज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया, जोकि मार्च के बाद का सबसे निचला स्तर है।
अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड आज 7 प्रतिशत टूटकर एक साल के निचले स्तर 65 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक से धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने की अपनी नीति पर टिके रहने का अनुरोध किया है, जिसने तेल की कीमतों को सीमित करने में मदद की।
रुपया हुआ मजबूत
कच्चे तेल में नरमी आने और निर्यातकों एवं बैंकों द्वारा डॉलर की बिक्री करने, विदेशी निवेशकों द्वारा नई पूंजी देश के भीतर निवेश करने और विदेशों में अन्य मुद्राओं में कमजोरी आने से बुधवार को अंतरबैंक फॉरेक्स बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले एक समय 71.99 तक गया बाद में यह 72.31 के स्तर पर बंद हुआ।
एमसीएक्स पर 4000 रुपए प्रति बैरल से नीचे फिसला कच्चा तेल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले एक महीने से ज्यादा समय से कच्चे तेल के दाम में जारी नरमी के कारण देश के सबसे बड़े वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर बुधवार को कच्चे तेल का नवंबर वायदा अनुबंध 3,968 रुपए प्रति बैरल तक लुढ़क गया, जोकि मार्च 2018 के बाद का सबसे निचला स्तर है। हालांकि भारतीय समयानुसार अपराह्न् 3.59 बजे नवंबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 68 रुपए यानी 1.66 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,035 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
पिछले महीने के पहले सप्ताह में एमसीएक्स पर कच्चे तेल का भाव 5,600 रुपए प्रति बैरल से ऊपर चला गया था। इस प्रकार पिछले करीब पांच सप्ताहों में कच्चे तेल के दाम में 1,600 रुपए से ज्यादा की गिरावट आई है। एमसीएक्स पर मंगलवार को कच्चे तेल का नवंबर डिलीवरी वायदा 328 रुपए यानी 7.45 फीसदी लुढ़क कर 4,075 रुपए प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो कि छह अप्रैल के बाद का सबसे निचला स्तर है, जब कच्चे तेल का भाव 4,029 रुपए प्रति बैरल पर आ गया था।
क्यों टूटा भाव
कच्चे तेल का भाव आपूर्ति बढ़ने और मांग कमजोर रहने की संभावनाओं से टूटा है। अक्टूबर के बाद कच्चे तेल के दाम में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है, जोकि 2014 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन दिसंबर में बढ़कर रिकॉर्ड 79.4 लाख बैरल रोजाना होने की संभावना है। अमेरिकी ऊर्जा एजेंसी ईआईए ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका का तेल उत्पादन 116 लाख बैरल रोजाना हो सकता है और इस प्रकार अमेरिका, रूस और सऊदी अरब के बाद कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है।
और घटेंगे दाम
एंजेल ब्रोकिंग हाउस के ऊर्जा विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने कहा कि ब्रेंट का दाम आगे 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक गिर सकता है। उनके अनुसार, डब्ल्यूटीआई का भाव लुढ़ककर 50 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है। गुप्ता ने कहा कि एमसीएक्स पर कच्चे तेल का दाम 4,700 रुपए प्रति बैरल के स्तर तक आ सकता है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल में आगे नरमी रह सकती है, क्योंकि अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 78 लाख बैरल बढ़कर 4.32 करोड़ बैरल हो गया है।