मुंबई। डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है। हफ्ते के पहल कारोबारी दिन के शुरुआती कारोबार में 8 पैसे टूटकर दो साल के निचले स्तर 66.84 पर आ गया। इंपोर्ट्स और बैंकों की ओर से अमेरिकी डॉलर की मजबूत मांग के कारण गिरावट देखने को मिल रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक रुपए में कमजोरी आगे भी जारी रह सकती है। एक डॉलर की कीमत 67.50 कर पहुंचने की संभावना है।
मजबूत डॉलर के आगे रुपया हुआ पस्त
कारोबारियों के मुताबिक दुनिया की अन्य प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी रुपए पर दबाव बना है। इसके अलावा विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। अमेरिका में जल्द ब्याज दरें बढ़ने की संभावना से डॉलर इंडेक्स में जोरदार तेजी दर्ज की गई है। प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर इंडेक्स 8 महीने की उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहा है। शुक्रवार को अमेरिकी करेंसी के मुकाबले रुपया 19 पैसे लुढ़ककर 66.76 पर बंद हुआ था।
डॉलर के मुकाबले रुपया और होगा कमजोर
इंडिया फॉरेक्स एडवाइजर्स के सीईओ अभिषेक गोयनका ने बताया कि डॉलर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसके कारण सभी एशियाई करेंसी में गिरावट देखने को मिल रही है। गोयनका ने कहा रुपए में गिरावट की प्रमुख वजह एफआईआई की बिकवाली है। नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 7467 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची है। पिछले चार महीने में यह तीसरा महीना है जब निवेशकों ने बड़ी संख्या में अपना पैसा निकाला है। इसके अलावा महीने के अंत में तेल कंपनियों की ओर से निकली डॉलर की मांग भी रुपए पर दबाव बना रहा है। अभिषेक के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपया दिसंबर अंत 67.50 का स्तर छू सकता है।
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