नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा बाहर निकलने और कच्चे तेल के दाम में वृद्धि के रुझानों के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे गिरकर 68.82 पर आ गया। विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है कि घरेलू शेयर बाजारों में सतर्कतापूर्ण कारोबार से भी स्थानीय मुद्रा पर दबाव था। हालांकि, दुनिया की अन्य मुद्राओं के समक्ष डॉलर के कमजोर पड़ने से रुपए की गिरावट एक हद तक सीमित रही।
अंतर बैंक विदेशी विनिमय (फारेक्स) बाजार में घरेलू मुद्रा की विनिमय दर 68.69 रुपए प्रति डॉलर पर खुली। लेकिन दिन के कारोबार में इसमें गिरावट आ गई और अंतत: यह एक दिन पहले के बंद भाव के मुकाबले 11 पैसे गिरकर 68.82 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 68.71 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्युरिटीज के पीसीजी एंड कैपिटल मार्किट्स स्ट्रेटजी वी के शर्मा ने कहा कि रुपया दुनिया के उभरते बाजारों की मुद्राओं के अनुरूप ही नीचे लुढका है। अमेरिका में आर्थिक आंकड़े उम्मीद से बेहतर आए हैं इससे डॉलर में मजबूती रही। घरेलू शेयर बाजारों से विदेशी कोष के बाहर निकलने का भी रुपए पर दबाव रहा। विदेशी कोषों ने इस माह के दौरान अब तक 77 करोड़ डॉलर की बिकवाली की है।
ब्रेंट क्रूड वायदा भाव 1.07 प्रतिशत बढ़कर 65.04 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। बंबई शेयर बाजार में सेंसेक्स लगातार तीसरे सत्र में बढ़त में रहा। कारोबार की समाप्ति पर यह 84.60 अंक यानी 0.22 प्रतिशत बढ़कर 39,215.64 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 24.90 अंक बढ़कर 11,687.50 अंक पर बंद हुआ।
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