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डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, 19 पैसे की तेजी के साथ 74.25 पर बंद

छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.87 के स्तर पर आ गया, जिसका फायदा रुपया को मिला।

<p>डालर के मुकाबले...- India TV Paisa Image Source : PTI डालर के मुकाबले रुपया मजबूत

नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले आज रुपये में मजबूती देखने को मिली है। स्टॉक मार्केट में आई बढ़त के रूख के साथ साथ घरेलू करंसी भी आज मजबूती के साथ बंद होने में कामयाब रही है। जानकारों की माने तो डॉलर में आई कमजोरी के साथ साथ विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ने से सेंटीमेंट्स बेहतर हुए हैं।

कैसा रहा आज का कारोबार
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया 19 पैसे की मजबूती के साथ 74.25 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में भारी लिवाली और डॉलर के कमजोर पड़ने से निवेशकों की कारोबारी धारणा मजबूत रही। बाजार सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ने से भी रुपये की धारणा और मजबूत हो गई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सुबह रुपया 74.26 पर खुला तथा कारोबार के दौरान 74.24 रुपये के दिन के उच्चतम स्तर और 74.34 के निम्नतम स्तर तक पहुंचा। यानि कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे के दायरे में ही बना रहा। कारोबार के अंत में रुपया पिछले सत्र के बंद भाव के मुकाबले 19 पैसे ऊपर 74.25 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बुधवार को रुपया 74.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 318.05 अंक की तेजी के साथ 54,843.98 अंक पर बंद हुआ जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.87 रह गया। वैश्विक मानक माने जाने वाले ब्रेंट कच्चा तेल वायदा भाव 0.56 प्रतिशत बढ़कर 71.84 डॉलर प्रति बैरल हो गया। 

क्या है रुपये की चाल पर जानकारों का अनुमान
विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और कोविड महामारी के प्रकोप के चलते भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ेगा और रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर इस साल 76-76.50 के स्तर पर आ सकता है। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर सूचकांक के 90 अंक से ऊपर स्थिर होने के कारण लंबे समय में रुपये के लिए रुझान कमजोर होगा। इसके अलावा कच्चे तेल की ऊंची कीमत और कोविड महामारी के चलते रुपये पर दबाव बना है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में जिंस एवं मुद्रा शोध की उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में मजबूती के बीच जून के बाद से भारतीय रुपये में भारी गिरावट देखी गई है। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने भी रुपये में कमजोरी का अनुमान जताया।

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