नई दिल्ली। अब विदेश घूमने के साथ विदेशों में पढ़ाई और हर वो सामान जो दूसरे देश से आता है सस्ता होने जा रहा है क्योंकि भारतीय करेंसी रुपये में शानदार तेजी है। अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 2 साल के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है। बुधवार को डॉलर का भाव घटकर 64 रुपए के नीचे आ गया है, प्रति डॉलर का भाव गिरकर 63.70 रुपए पर बंद हुआ जो 7 अगस्त 2015 के बाद सबसे कम भाव है।
इनके लिए देने पड़ेंगे कम डॉलर
डॉलर सस्ता होने की वजह से देश में आयात होने वाले हर सामान या सेवा पर पहले के मुकाबले कम रुपये खर्च करने पड़ेंगे। विदेशों से कोई भी सामान या सेवा खरीदने पर उसका भुगतान डॉलर में करना पड़ता है, पहले एक डॉलर को खरीदने में 64 रुपए से ज्यादा खर्च हो रहे लेकिन अब डॉलर खरीदने के लिए 64 रुपए से कम भुगतान करना पड़ेगा। यानि विदेशों में पढ़ाई करने, विदेश घूमने, विदेशों से एप्पल और सैमसंग के फोन इंपोर्ट करने और कच्चा तेल खरीदने के लिए पहले के मुकाबले कम रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
रुपए में मजबूती की यह है वजह
शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का निवेश लगातार बढ़ रहा है। विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए डॉलर बेचकर रुपया खरीदना पड़ता है। ऐसे में रुपए की मांग बढ़ जाती है जिससे रुपए में मजबूती आ रही है। मौजूदा समय में शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और भारतीय करेंसी भी मजबूत हुई है। इन सबके अलावा अमेरिकी डॉलर में कई दिनों से गिरावट बनी हुई है। डॉलर इंडेक्स घटकर 93 के भी नीचे आ चुका है जो मई 2016 के बाद सबसे निचला स्तर है। डॉलर इंडेक्स में नरमी की वजह से रुपए में बढ़त है।
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