नई दिल्ली। कच्चे तेल की वैश्चिक कीमतों में गिरावट तथा बाजार में जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ने के साथ अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 47 पैसे के उछाल के साथ 74.88 प्रति डॉलर के लगभग दो सप्ताह के उच्च स्तर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के कारण रुपये पर कुछ दबाव रहा।
बुधवार के कारोबार में अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती का रुख लिए 75.10 रुपये पर खुला तथा कारोबार के दौरान यह 74.88 रुपये तक सुधर गया, जो सात अक्टूबर के बाद का उच्चतम स्तर है। कारोबार के दौरान रुपया 74.83 से 75.13 रुपये के दायरे में रहा और अंत में पिछले कारोबारी सत्र के बंद भाव के मुकाबले 47 पैसे का उछाल दर्शाता 74.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को ‘मिलाद-उन-नबी’ की वजह से मुद्रा बाजार बंद था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कम कीमतों और डॉलर मांग के कारण भारतीय रुपये को उभरते बाजार की मुद्राओं में सबसे ज्यादा फायदा हुआ, जबकि बाजार को आने वाले हफ्तों में अनुसूचित क्यूआईपी और आईपीओ से विदेशी पूंजी के निवेश की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डॉलर के मुकाबले चीनी युआन में तेजी, जो चार महीने के उच्च स्तर के करीब है, ने भी क्षेत्रीय मुद्राओं को समर्थन दिया।’’
चीनी सरकार द्वारा कोयले की ऊंची कीमतों पर लगाम लगाने और आपूर्ति में सुधार की योजना बनाने की खबरों के बाद तेल की कीमतें 0.83 प्रतिशत घटकर 84.37 डॉलर प्रति बैरल रह गईं। वैश्विक मानक ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84.37 डॉलर प्रति बैरल रह गया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत बढ़कर 93.84 हो गया।
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