नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने राठी स्टील एंड पावर लि. (आरएसपीएल) और उसके तीन अधिकारियों को दोषी ठहराया है। छत्तीसगढ़ में केसला उत्तरी कोयला ब्लॉक के आबंटन में कथित अनियमितता को लेकर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कंपनी और उसके अधिकारियों (प्रबंध निदेशक) प्रदीप राठी, (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) उदित राठी और सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) कुशल अग्रवाल को दोषी ठहराया है। उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) समेत विभिन्न धाराओं की तहत दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने कहा, मैं आप सभी को दोषी करार दे रहा हूं। उन्होंने दोषियों को हिरासत में लेने का आदेश भी दिया। सजा के बारे में दलीलों पर सुनवाई आज ही होगी। इससे पहले, अदालत ने आरएसपीएल और उसके तीन अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। अदालत ने पाया कि उन्होंने कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए साजिश रची और गलत सूचना दी और राष्ट्रीयकृत प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग किया।
नवीन जिंदल को बड़ी राहत
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में आरोपी जिंदर ग्रुप के चेयरमैन नवीन जिंदल को विदेश जाने की मंजूरी मिल गई है। पटियाला कोर्ट के विशेष सीबीआई जज भरत पराशर की अदालत ने उन्हें 26 से 30 जुलाई के बीच यूएई जाने की इजाजत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि बिना इजाजत जिंदल देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। जिंदल पर झारखंड के मुर्गदंगल में गलत तरीके से कोयला ब्लॉक हासिल करने का आरोप है।
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