नई दिल्ली। सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये हरित एक्सप्रेस राजमार्गों के निर्माण पर सात लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे परिवहन को ‘स्मार्ट’ किया जा सकेगा और साथ ही प्रदूषण के स्तर को भी कम करने में मदद मिलेगी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने बताया कि इनमें से एक लाख करोड़ रुपये का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक साल में पूरा हो जाएगा। वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन एक या दो माह में होगा। गडकरी ने राष्ट्रीय सड़क और राजमार्ग शिखर बैठक ‘हरित संरचना पर जोर’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम हरित राजमार्गों के निर्माण पर सात लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। इससे वायु प्रदूषण कम होगा, यातायात सुगम होगा और लॉजिस्टिक्स और परिवहन की लागत घटेगी।’’
उन्होंने कहा कि इन राजमार्गों का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक और अभियांत्रिकी के जरिये किया जा रहा है। इससे यातायात को ‘इंटेलिजेंट’ किया जा सकेगा और साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा सकेगा। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन के तहत 111 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य रखा है और सरकार हरित रुख अपनाते हुए ‘पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विकास’ का प्रयास कर रही है।
गडकरी ने कहा कि 22 हरित राजमार्ग गलियारों में से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रसेवे से दोनों महानगरों के बीच कार से यात्रा का समय घटकर 12 घंटे रह जाएगा। अभी इसमें 40 घंटे लगते हैं। उन्होंने कहा कि इस 1,300 किलोमीटर की परियोजना का 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। हम शेष कार्य को भी एक साल में पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना के पहले चरण के तहत आठ लेन होंगी। दूसरे चरण में इनकी संख्या 12 होगी। उन्होंने कहा कि इसके तहत अलग से एक इलेक्ट्रिक राजमार्ग लेन भी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर इलेक्ट्रिक ट्रक भी उपलब्ध होंगे। गडकरी ने कहा कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा परियोजना का काम दो से तीन महीने में शुरू होगा। इसके अलावा पाइपलाइन में 4,063 करोड़ रुपये की दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना एक्सप्रेस राजमार्ग और 4,000 करोड़ रुपये की अहमदाबाद-धोलेरा राजमार्ग परियोजना भी है।
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