नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि छोटे उद्यमियों के लिये शुरू की गई मुद्रा योजना के तहत अब तक चार लाख करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। पिछले तीन साल के दौरान इससे देश को तीन करोड़ नए उद्यमी मिले हैं। सरकार ने अपना नया कारोबार शुरू करने वाले नये उद्यमियों के समक्ष पूंजी की समस्या को देखते हुये इस योजना की शुरुआत की थी।
सूक्ष्म इकाई विकास और पुनर्वित एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) नामक इस योजना के तहत बिना गारंटी के ऋण देने की सुविधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग मंडल फिक्की की 90वीं वार्षिक आम बैठक का उद्घाटन करते हुये कहा कि मुद्रा योजना युवाओं की एक बहुत बड़ी आवश्यकता की पूर्ति कर रही है। ये आवश्यकता है बैंक गारंटी। कोई भी नौजवान अपने दम पर जैसे ही कुछ करना चाहता है, उसके सामने पहला सवाल यही होता है कि पैसे कहां से आएंगे। मुद्रा योजना के तहत ये गारंटी सरकार दे रही है। पिछले तीन वर्षों में करीब-करीब पौने 10 करोड़ लोन हमने स्वीकृत किए हैं। बिना बैंक गारंटी के युवाओं को 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं की बहुत बड़ी जरूरत के साथ सरकार खड़ी है और इसी का परिणाम है कि देश को पिछले तीन साल में लगभग तीन करोड़ नए उद्यमी मिले हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को मुद्रा योजना के तहत पहली बार बैंक से कर्ज मिला है। इन तीन करोड़ लोगों ने देश के लघु उद्योग क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र का दायरा और बढ़ाया है, और उसे मजबूत किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सरकार स्टार्ट अप्स को भी बढ़ावा दे रही है। स्टार्ट अप्स की सबसे बड़ी जरूरत है जोखिम पूंजी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने सिडबी के तहत एक फंड ऑफ फंड बनाया है। इससे स्टार्ट अप्स को, जिनके पास नई सोच हैं, उन्हें पूंजी मिलने में सहायता मिल रही है। फिक्की की इस बैठक में देश के अनेक उद्योगपति उपस्थित थे।
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