नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की जांच इकाई ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल 29,088 करोड़ रुपए की इनडायरेक्ट टैक्स की चोरी के 1,835 मामलों की पहचान की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय (डीजीजीआई) द्वारा पकड़े गए इन मामलों में 571 मामले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में चोरी के हैं। इनमें कुल 4,562 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की गई है। सर्वाधिक मामले सर्विस टैकस से जुड़े रहे। सेवा कर में चोरी के 1,145 मामले पकड़े गए जो सम्मिलित तौर पर 22,973 करोड़ रुपए के हैं।
इसी दौरान केंद्रीय उत्पाद शुल्क के 119 मामलों में 1553 करोड़ रुपए की चोरी पकड़ी गई। अधिकारी ने बताया कि डीजीजीआई के अधिकारियों ने अप्रैल से अक्टूबर की अवधि के दौरान 29,088 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के मामलों को पकड़ा है।
उसने कहा कि इस दौरान ऐसे ममलों में 5,427 करोड़ रुपए के टैक्स की उगाही की गई। इनमें टैक्स कर चोरी के ऐसे पुराने मामले भी शामिल हैं जो पहले के है लेकिन वे चालू वित्त वर्ष के दौरान उजागर हुए। कुल उगाही में जीएसटी के 3,124 करोड़ रुपए, सर्विस टैक्स के 2,174 करोड़ रुपए और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के 128 करोड़ रुपए शामिल रहे।
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