नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे। इसमें से जारी किया गया 2000 रुपए का नोट अगले पांच साल में बंद हो जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े अर्थिक मामलों के विचारक एस गुरुमूर्ति ने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही है। उन्होंने इसके पीछे छिपे कारणों के बारे में भी बताया है।
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2000 के नोट छापने की बताई वजह
- गुरुमूर्ति ने कहा कि भविष्य में 500 का नोट ही सबसे बड़ी करेंसी होगा।
- हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भले ही 2000 रुपए के नोट बंद कर दे लेकिन छोटी करेंसी जारी रहेगी।
- गुरुमूर्ति के अनुसार, कुछ साल में दो हजार के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे।
- उन्होंने दावा किया कि 2000 के नोट सरकार ने इसलिए छापे हैं, ताकि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में नोटों के गैप को जल्द से जल्द भरा जा सके।
- उन्होंने कहा कि सरकार छोटे नोटों पर ज्यादा भरोसा करती है और इसीलिए बड़े नोटों को अगले पांच साल में चलन से बाहर कर दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार की तरफ से 2000 रुपये के नोट को बाजार में लाने की जमकर आलोचना हो रही है।
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संघ के विवेकानंद फांउडेशन में गुरुमूर्ति अहम स्थान रखते है, इसलिए, 2000 रुपए के नोट बंद होने को लेकर दिया गया उनका बयान काफी मायने रखता है। मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद किए जाने पर कहा था कि इससे भ्रष्टाचार से निपटने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मार्केट में 2000 रुपए के नोट से छोटी खरीददारी करने वाले लोगों को भी कैश की समस्या आ रही है।
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