पलवल। देश का पहला स्मार्ट और हरित राजमार्ग पूर्वी पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण इस साल अगस्त में पूरा हो जाएगा। इससे दिल्ली से यातायात की भीड़भाड़ को खत्म करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 135 किलोमीटर लंबे और 11,000 करोड़ रुपए के खर्च से बनने वाले एक्सेस नियंत्रित छह लेन के एक्सप्रेस-वे को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
इस परियोजना में स्मार्ट और इंटेलिजेंट यातायात प्रबंधन प्रणाली (एचटीएमएस) तथा घटनाक्रम को पकड़ने वाली वीडियो प्रणाली (वीआईडीएस) होगी। इसके अलावा इस एक्सप्रेस-वे पर एक क्लोज्ड टोल प्रणाली होगी, जिसमें जितनी दूरी की यात्रा करनी होगी उसके लिए टोल संग्रहण किया जाएगा, पूरी लंबाई के लिए नहीं। गडकरी ने कहा कि यह परियोजना अगस्त तक पूरी होने की पूरी उम्मीद है। भूमि अधिग्रहण पर 5,900 करोड़ रुपए की भारी राशि खर्च की जा चुकी है।
उन्होंने कहा, एक बार यह परियोजना पूरी होने के बाद दिल्ली में यातायात की भीड़भाड़ को कम किया जा सकेगा। इसमें सर्वश्रेष्ठ ऑटोमैटिक यातायात प्रबंधन प्रणाली, आसपास हरियाली से भरी पृष्ठभूमि के लिए बुनियादी सुविधाएं होंगी। हम कम से कम ढाई लाख पेड़ लगा रहे हैं। एक्सप्रे-वे पर रोशनी सौर पैनलों से की जाएगी।
इस परियोजना की शुरुआत 14 सितंबर, 2015 को हुई थी। इसमें एनटीपीसी के विभिन्न ताप बिजलीघरों से 10 लाख टन फ्लाईएश का इस्तेमाल होगा। इसे कूड़े-कचरे को कम करने और प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी। इस परियोजना में कई अड़चनें आईं और अंतत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर, 2015 को इसकी आधारशिला रखी। इससे रोजाना राष्ट्रीय राजधानी से गुजरने वाले करीब दो लाख वाहनों को इस एक्सप्रेस-वे की ओर मोड़ा जा सकेगा। इससे प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिलेगी।
Latest Business News