प्रवर्तन निदेशालय ने रोज वैली की 1,250 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की
रवर्तन निदेशालय ने रोज वैली चिट फंड घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में 1,250 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की।
कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय ने रोज वैली चिट फंड घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में 1,250 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की। इनमें आठ होटल तथा एक रॉल्स रॉयस लक्जरी कार सहित कुल एक दर्जन कारें शामिल हैं।
इस मामले में पश्चिम बंगाल तथा ओडि़शा में हजारों लोगों के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने समूह के जयपुर (राजस्थान), पोर्ट ब्लेयर (अंडमान निकोबार आईलैंड), पणजी (गोवा), हरिद्वार (उत्तराखंड), रांची (झारखंड), सिलचर (असम) तथा कोलकाता स्थित (दो होटल) होटल तथा पांच करोड़ रुपए मूल्य की रॉल्स राय समेत एक दर्जन से अधिक कारों की कुर्की के लिए अस्थायी तौर पर आदेश जारी किया है।
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- एजेंसी के अनुसार संपत्ति के दस्तावेज के हिसाब से उसका मूल्य 465 करोड़ रुपए है लेकिन उसका बाजार मूल्य 1,250 करोड़ रुपए है। इसका कुर्की आदेश जारी कर दिया गया है।
- ईडी ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के प्रावधानों (पीएमएलए) के तहत कंपनी, उसके चेयरमैन गौतम कुंडु तथा अन्य के खिलाफ 2014 में प्राथमिकी दर्ज की थी।
- कुंडु को पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वह फिल्हाल न्यायिक हिरासत में हैं।
- इससे पहले, ईडी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत रोज वैली समूह के 2,631 बैंक खातों को कुर्क किया। इसमें 295 करोड़ रुपए की राशि थी।
सेबी ने पीएसीएल के निवेशकों को झूठे वादों के प्रति आगाह किया
बाजार नियामक सेबी ने पीएसीएल मामले में निवेशकों को फुसलाने वाले व झूठे वादों के प्रति आगाह करते हुए आज कहा कि वे अपने दावे तय प्रारूप में ही दाखिल करें न कि एसोसिएशनों के जरिए भेजें।
- निवेशकों से कहा गया है कि प्रारूप जारी नहीं होने तक वे अपने सारे दस्तावेज अपने पास ही रखें।
- नियामक ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि दावे केवल आर एम लोढ़ा समिति द्वारा तय प्रारूप में ही दाखिल किए जाएं।
- उल्लेखनीय है कि सेबी प्रभावित निवेशकों को रिफंड के लिए पीएसीएल की आस्तियों के निपटान का काम देख रहा है। निवेशकों से कहा गया है कि जब तक तय प्रारूप संबंधी कोई दिशा निर्देश नहीं आता है वे अपने दस्तावेज अपने पास ही रखें।
- पीएसीएल पर आरोप है कि उसने 18 साल की अवधि में निवेशकों से 60,000 करोड़ रपये से अधिक राशि अवैध निवेश योजनाओं के जरिए जुटाई।
- सेबी ने व्यक्तिगत निवेशकों व एसोसिएशनों से इस बारे में दस्तावेज सहित दावे पेश किए जाने के मद्देनजर यह स्पष्टीकरण जारी किया है।