नई दिल्ली। भारतीय बासमती चावल का निर्यात 2018-19 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। ईरान की जोरदार मांग और कमजोर रुपए की बदौलत 2018-19 में बासमती चावल का निर्यात मात्रा और मूल्य दोनों लिहाज से उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच भारत ने 44.15 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया। यह किसी भी वित्त वर्ष में होने वाले निर्यात में सबसे अधिक है।
2017-18 में देश से 40.56 लाख टन, 2016-17 में 38.85 लाख टन और 2015-16 में 40.45 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
डॉलर मूल्य में बासमती चावल का निर्यात 2018-19 में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत उछलकर 4.71 अरब डॉलर का रहा है। वहीं मात्रा के हिसाब से चावल निर्यात में यह वृद्धि 22 प्रतिशत है। रुपए में 32,806 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है।
वित्त वर्ष 2018-19 में भारत के ओवरऑल कृषि उत्पाद के निर्यात में बासमती चावल का निर्यात का हिस्सा एक चौथाई है। भारत से कुल कृषि उत्पादों का निर्यात इस दौरान रुपए में 7 प्रतिशत बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपए का रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.19 लाख करोड़ रुपए था।
बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन के डायरेक्टर एके गुप्ता ने बताया कि कई सालों बाद ईरान से बासमती चावल की अच्छी मांग आई है। ईरान ने 14 लाख टन से अधिक चावल की खरीद इस साल की है। ईरान से मजबूत मांग आने के साथ कमजोर रुपए ने निर्यात में वृद्धि को सहारा दिया।
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