नई दिल्ली। बैंको से कर्ज लेकर भागने का एक नया मामला सामने आया है, इस नए मामले में धोखाधड़ी का शिकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) हुआ है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है। FIR के मुताबिक ARSS इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (AIPL) नाम की कंपनी ने उड़ीसा के भुवनेश्वर में जनपथ स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच से 62 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज लिया था जिसे वापस नहीं किया है।
सेंट्रल बैंक ने पिछले हफ्ते CBI से की है शिकायत
Road construction company fraud Rs 62 crore in Central Bank of India
FIR के मुताबिक AIPL को मध्य प्रदेश में दमोह से हीरापुर के बीच 69.90 किलोमीटर लंबे स्टेट हाइवे नंबर 37 पर हाइवे की दो लेन को बनाने का काम मिला था। AIPL को यह ठेका मध्य प्रदेश रोड़ डेवलप्मेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (MPRDCL) से मिला था, इस ठेके के बाद APIL की तरफ से काम के लिए ARSS दमोह हीरापुर टोल प्राइवेट लिमिटेड (ADHTPL) नाम से कंपनी बनाई और काम के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की जनपथ शाका से 87 करोड़ रुपए के लोन के लिए आवेदन किया।
FIR के मुताबिक बाद में लोन मंजूर हुआ और सेंट्रल बैंक ने अक्टूबर 2011 से लेकर मई 2013 के बीच ADHTPL कंपनी को 62.55 करोड़ रुपए का लोन भी दिया। लेकिन लोन मिलने के बावजूद कंपनी ने कॉन्ट्रेक्ट के तहत काम नहीं किया जिस वजह से MPRDCL ने कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर दिया। शिकायत की कॉपी के मुताबिक कॉन्ट्रेक्ट टूटने के बाद कंपनी को लोन की रकम तुरंत प्रभाव से बैंक को वापस करनी चाहिए थी लेकिन उस रकम को किसी और जगह ट्रांस्फर कर दिया गया।
सेंट्रल बैंक की तरफ से दिए गए कर्ज की डिटेल
Road construction company fraud Rs 62 crore in Central Bank of India
CBI की FIR के साथ संलग्न सेंट्रल बैंक की शिकायत कॉपी में उस समय बैंक की संबधित ब्रांच के मैनेजर सुदर्शन राज पर भी आरोप लगाए गए हैं, शिकायत में कहा गया है कि सुदर्शन राज ने अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल किया और कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने का बाद भी जानबूझ कर लोन के खाते की देखरेख नहीं की।
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