नई दिल्ली। दलहन की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने को लेकर दवाब का सामना कर रहे भारत को मोजाम्बिक सरकार के साथ एक दीर्घावधिक समझौते की पूरी उम्मीद है। दोनों देशों के बीच पिछले सप्ताह इस संबंध में बातचीत काफी सकारात्मक रही है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह दलहन उत्पादन करने वाले देश, मोजाम्बिक और म्यांमा का अलग अलग दौरा किया ताकि लंबे समय तक के लिए विशेषकर तुअर दाल की सुनिश्चित आपूर्ति प्राप्त की जा सके।
उपभोक्ता मामलो के मंत्रालय के सचिव हेम पांडे ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल दीर्घकालिक समाधान की उम्मीद के साथ वापस लौटा है और अंतिम मसौदे को मोजाम्बिक सरकार के प्रत्युत्तर का इंतजार है। भारत सरकार यथाशीघ्र सकारात्मक उत्तर की प्रतिक्षा कर रही है। पांडे इस अफ्रीकी देश के लिए प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बातचीत काफी सकारात्मक थी और दीर्घावधिक समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद निश्चित तौर पर देश में दलहन की आपूर्ति में सुधार होगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि बर्मा, अफ्रीका और कनाडा से दालों का आयात किया जाएगा और कीमतों पर अंकुश रखने के लिए जल्द ही बाजार में एक लाख टन दालें उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को भी प्रोत्साहित कर रही है। सीतारमण ने कहा कि सरकार ने चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों का आयात प्रतिबंधित करने का निर्णय किया है, लेकिन डब्ल्यूटीओ के तहत लगाई गईं शर्तों के चलते अन्य उत्पादों के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है।
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