मुंबई। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) का 643 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान कर दिया है। यह राशि बीकेसी (बांद्रा-कुर्ला परिसर) क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के निर्माण में देरी के लिए अतिरिक्त प्रीमियम और ब्याज के एवज में दी गई है।
मार्च, 2018 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को अनुचित लाभ देने तथा परियोजना के क्रियान्वयन में देरी को लेकर 770 करोड़ रुपए की वसूली नहीं करने को लेकर प्राधिकरण की खिंचाई की थी। प्राधिकरण के अनुसार दिसंबर, 2006 में दोनों पक्षों के बीच पट्टा समझौता के अनुसार अगस्त, 2010 में परियोजना पूरी होनी थी। रिलायंस बीकेसी के सी ब्लॉक, 66 में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र बना रहा है, जो समूह का भविष्य का मुख्यालय होगा और इसे जियो वर्ल्ड सेंटर के रूप में जाना जाएगा।
कैग रिपोर्ट के अनुसार एमएमआरडीए ने दिसंबर 2006 में 10,183.18 वर्ग मीटर जमीन 80 साल के पट्टे पर दी। यह जमीन पट्टा प्रीमियम 918.03 करोड़ रुपए में दिया गया। एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने कहा कि हमने रिलायंस से राशि प्राप्त कर ली है। हालांकि अधिकारी ने कोई ब्योरा नहीं दिया। लेकिन ऐसा समझा जाता है कि यह राशि 643 करोड़ रुपए है।
वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं किया
विश्व की सबसे बड़ी रिफाइनरी की संचालक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को कहा कि उसने वेनेजुएला के खिलाफ लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं किया है। उसने इस लातिन अमेरिकी देश को ईंधन की आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह इस मुद्दे पर लगातार अमेरिका के विदेश विभाग से संपर्क में है। गौरतलब है कि अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। ऐसी खबरें थीं कि रिलायंस अपनी जामनगर रिफाइनरी से वेनेजुएला को ईंधन की आपूर्ति कर रहा है। कंपनी का यह बयान इसी पर स्पष्टीकरण के रूप में सामने आया है।
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