नई दिल्ली। दुनिया के 13वें और भारत के नंबर वन अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी एक अनुषंगी के लिए 2,180 करोड़ रुपए का प्रारंभिक भुगतान कर नवी मुंबई सेज से 4,000 एकड़ जमीन पट्टे पर ली है। सेज की यह जमीन राज्य सरकार की स्वीकृत नीति के अनुसार एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के विकास के लिए दी गई है, जहां डिजिटल और सेवा क्षेत्र की इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
नवी मुंबई सेज (एनएमसेज) निविदा प्रक्रिया के तहत 2006 में आबंटित किया गया था। वहां वैश्विक स्तर का सेज बनाया जाना था। एनएमसेज रिलायंस इंडस्ट्रीज चेयरमैन मुकेश अंबानी, जय कॉर्प इंडिया, स्किल इंफ्रास्ट्रक्चर लि. तथा सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) द्वारा प्रवर्तित है। सिडको के पास एनएमसेज में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि शेष अंबानी, आनंद जैन प्रवर्तित जय कॉर्प तथा निखिल गांधी की स्किल इंफ्रास्ट्रक्चर के पास है। इसे 2019 तक चालू किया जाना था।
कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा कि आरआईएल ने पूर्ण अनुषंगी इकाई के जरिये एनएम सेज के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 2,180 करोड़ रुपए के भुगतान के साथ करीब 4,000 एकड़ जमीन विकास अधिकार के साथ किसी अन्य को पट्टे पर देने के लिए है। यह कुछ शर्तों के पूरा करने पर निर्भर है।
बयान के अनुसार महाराष्ट्र सरकार की औद्योगिक नीति, 2003 राज्य में सेज को एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र में तब्दील करने तथा जमीन औद्योगिक इकाइयों को उपलब्ध कराने की अनुमति देती है। आरआईएल ने वैश्विक आर्थिक केंद्र विकसित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
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