नई दिल्ली। कुल 1,576 करोड़ रुपए के बकाये के साथ मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) का बकाया न चुकाने वाली सबसे बड़ी चूककर्ता है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से यह खुलासा हुआ है।
एमएमआरडीए ने मुंबई के कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा है कि एमएमआरडीए के पांच पट्टाधारकों पर 1,641 करोड़ रुपए से अधिक का प्रीमियम लंबित है। इन पट्टाधारकों को उन्हें आवंटित प्लाटों पर परियोजनाओं का निर्माण पूरा करने के लिए विस्तार दिया गया था। इन लंबित प्रीमियम में से रिलायंस इंडस्ट्रीज पर अकेले दो प्लॉटों जी-सी-64 और जी-सी-66 का 1,576 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने कहा कि अदालती स्थगन तथा नियामकीय मंजूरियों की वजह से निर्माण में देरी हुई। यह मामला एमएमआरडीए की समिति के पास है, जहां से अंतिम फैसले का इंतजार है।
पहले प्लॉट जी-सी-64 का बकाया 1,187 करोड़ रुपए से अधिक का है। इस पर निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि इसके लिए छह साल का विस्तार पहले ही दिया जा चुका है। वहीं दूसरे प्लॉट जी-सी-66 पर 389 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। इसे चार साल का विस्तार दिया गया है। इस पर निर्माण हाल में पूरा हुआ है। आरटीआई जवाब में कहा गया है कि विस्तार के लिए 29 पट्टाधारकों पर 2,437 करोड़ रुपए का प्रीमियम बना। इसमें से अभी तक 796 करोड़ रुपए की ही वसूली हो पाई है। सरकारी संगठनों पर जहां 12.5 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है, वहीं निजी क्षेत्र पर 1,628.6 करोड़ रुपए लंबित हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को एमएमआरडीए से 85 लाख रुपए लेने हैं।
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