RIL बनी कर्ज मुक्त कंपनी, Jio डील्स और राइट इश्यू से कंपनी ने जुटाए 1.69 लाख करोड़ रुपए
मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2020 तक हमारा शुद्ध कर्ज 161,035 करोड़ रुपए था। नए निवेश के साथ आरआईएल अब एक कर्ज मुक्त कंपनी बन गई है।
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को घोषणा की है कि आरआईएल अब पूरी तरह से एक कर्ज मुक्त कंपनी बन गई है। उन्होंने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी बिक्री और राइट इश्यू की मदद से मार्च 2021 से पहले ही कंपनी को कर्ज मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।
58 दिनों में आरआईएल ने रिकॉर्ड 168,818 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई है। कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी बेचकर 115,693.95 करोड़ रुपए जुटाए हैं। 53,124.20 करोड़ रुपए राइट इश्यू की बिक्री से हासिल हुए हैं। पेट्रो-रिटेल जेवी में बीपी को कुछ हिस्सेदारी बिक्री के साथ कंपनी ने कुल 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं।
मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2020 तक हमारा शुद्ध कर्ज 161,035 करोड़ रुपए था। नए निवेश के साथ आरआईएल अब एक कर्ज मुक्त कंपनी बन गई है। आरआईएल ने जियो प्लेटफॉर्म में अपनी 24.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 115,693.95 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
फेसबुक ने 22 अप्रैल को 43,574 करोड़ रुपए में जियो प्लेटफॉर्म की 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। इसके बाद अगले 9 हफ्तों में दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों ने जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश किया। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान इतना बड़ा निवेश हासिल करने वाली आरआईएल एकमात्र कंपनी है।
मुकेश अंबानी ने कहा कि आज मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमनें शेयरधारकों से रिलायंस को कर्ज मुक्त बनाने का जो वादा किया था, आज हमने उसे तय लक्ष्य से पहले ही पूरा कर दिया है। कंपनी ने 31 मार्च, 2021 तक रिलायंस को पूरी तरह से कर्ज मुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य तय किया था।
कंपनी ने फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल एटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटेरटन और पीआईएफ जैसे वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 22 अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपए की राशि जुटाई हैैै। बयान में कहा गया है कि 18 जून को सऊदी अरब के पीआईएफ के 11,367 करोड़ रुपए में जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के साथ ही कंपनी के साथ वित्तीय सहयोगी जोड़ने का मौजूदा चरण खत्म हो गया है। इसी के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू भी जारी किया। इसे 1.59 गुना अधिक अभिदान मिला।
इस निर्गम का आकार 53,124 करोड़ रुपए रहा। हालांकि कंपनी को अभी इसका मात्र 25 प्रतिशत ही मिला है। शेष राशि का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाएगा। अंबानी ने 12 अगस्त 2019 को कंपनी की वार्षिक आम बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध ऋण 31 मार्च 2021 तक शून्य करने का लक्ष्य पेश किया था। उन्होंने कहा था कि कंपनी के पास खुद को शुद्ध ऋण से मुक्त बनाने के लिए अगले 18 महीने की पूरी योजना है। शुक्रवार को अपने बयान में अंबानी ने कहा कि उन्हें अपना वादा पूरा करने की खुशी है। हम अपने शेयरधारकों और सभी हितधारकों की उम्मीद पर बार-बार खरे उतरे हैं, यह रिलायंस के डीएनए में है। मैं सभी को यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि रिलायंस अपने स्वर्णिम काल में और अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार है। हमारे संस्थापक धीरूभाई अंबानी के सपनों को पूरा करने के लिए हम भारत की समृद्धि और समावेशी विकास में निरंतर अपना योगदान बढ़ाते रहेंगे।