नई दिल्ली। इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज जीतने वाले रिचर्ड थैलर नोटबंदी के समर्थक रहे हैं। 8 नवंबर 2016 की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी की घोषणा की थी तो रिचर्ड थैलर ने अपने ट्विटर हेंडल के जरिए ट्वीट करते हुए लिखा था कि नोटबंदी ऐसा कदम है जिसका वह समर्थन करते हैं, उन्होंने लिखा था कि भ्रष्टाचार को खत्म करने और कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने के लिए यह पहला कदम है। हालांकि थैलर ने 2000 रुपए के नोट की लॉन्चिंग पर क्षोभ जाहिर भी किया था।
This is a policy I have long supported. First step toward cashless and good start on reducing corruption. https://t.co/KFBLIJSrLr
— Richard H Thaler (@R_Thaler) November 8, 2016
टिप्पणियों में दो हजार रुपये के नये नोट पेश किये जाने की जानकारी मिलने पर उन्होंने जवाब में लिखा, वाकई निराशाजनक। ये ट्वीट थेलर के नाम से जिस ट्विटर हैंडल से किये गये हैं वह आधिकारिक तौर पर प्रमाणित नहीं है, लेकिन नोबेल पुरस्कार के आधिकारिक फीड में उस हैंडल को टैग किया गया है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी इस साल अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की दौड़ में शामिल थे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि वह नोटबंदी के समर्थन में कभी नहीं थे। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में अर्थशास्त्र तथा व्यावहारिक विग्यान के प्रोफेसर थेलर ने नोटबंदी के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह इस नीति के पुराने समर्थक हैं।
गौरतलब है कि अर्थशास्त्र के नोबेल के लिए जिन 6 लोगों को नामांकन हुआ था उनमें भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का नाम भी था। राजन ने पिछले दिनों दिए इंटरव्यू में कहा था कि नोटबंदी के दौरान अगर वह रिजर्व बैंक गवर्नर होते तो इसकी इजाजत नहीं देते।
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