नई दिल्ली। राजस्व विभाग ने मंगलवार को अमेरिका की आईफोन कंपनी Apple की कर प्रोत्साहन की मांग को खारिज कर दिया है। एप्पल मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत में अपनी विनिर्माण इकाई लगाना चाहती है और इसके लिए वह सरकार से कर प्रोत्साहन की मांग कर रही है। सूत्रों ने बताया कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की मांग को औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) ने राजस्व विभाग को भेजा था।
अमेरिकी कंपनी ने सरकार से संपर्क कर राजस्व विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डेइटी) से कर प्रोत्साहन की मांग की थी। एप्पल जहां कलपुर्जों और उपकरणों के आयात पर 15 साल के लिए सीमा शुल्क की छूट चाहती थी वहीं वह घरेलू स्तर पर 30 प्रतिशत खरीद की अनिवार्यता में भी ढील चाहती थी।
एप्पल ने इससे पहले सरकार को संकेत दिया था कि वह भारत में आईफोन विनिर्माण की रूपरेखा के साथ तैयार है, लेकिन वह वित्तीय रियायतें चाहती है। इसमें कलपुर्जा आयात पर सीमा शुल्क की छूट शामिल है।
कंपनी चीन, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस में एप्पल के स्वामित्व वाले खुदरा स्टोरों के जरिये अपने उत्पाद बेचती है। भारत में एप्पल के स्वामित्व वाला कोई स्टोर नहीं है। वह यहां अपने उत्पाद रेडिंग्टन और इन्ग्राम माइक्रो जैसे वितरकों के जरिये अपने उत्पाद बेचती है।
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