नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती लोकप्रियता और कारोबार से टक्कर लेने के लिए देश के रिटेल व्यापारियों ने भी अपनी तैयारी कर ली है। देश के रिटेल व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडेरशेन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने व्यापारियों के लिए एक बिजनेस पोर्टल ई-लाला शुरू करने की घोषणा की है। यह पोर्टल अगले महीने से काम करना शुरू कर देगा। परंपरागत दुकानदारों को अधिक कारोबार हासिल करने के लिए ई-कॉमर्स को अतिरिक्त प्लेटफॉर्म के रूप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कटै के महासचिव प्रवीण खंडेलवार ने गुरुवार को बताया कि ई-कॉमर्स पोर्टल ई-लाला के जरिये उत्पादों की बिक्री अगले माह से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत पांच नवंबर से नागपुर से पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर होगी। इसके बाद 23 नवंबर से इस पोर्टल के जरिये दिल्ली में बिक्री शुरू की जाएगी।
खंडेलवाल ने बताया कि इस पोर्टल के जरिये देश के 50 शहरों में बिक्री का लक्ष्य बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मार्च 2016 तक इस पोर्टल के साथ 50,000 विक्रेताओं के जुड़ने की उम्मीद है। इस पोर्टल से सिर्फ वही विक्रेता जुड़ पाएगा, जिसकी परंपरागत दुकान है और वहीं व्यक्ति ई-लाला के जरिये अपने उत्पाद बेच सकेगा। कैट से संबद्ध 40,000 व्यापारिक संगठनों की ई-लाला के परिचालन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उल्लेखनीय है कि पारंपरिक रिटेलर्स शुरू से ही ऑनलाइन कंपनियों का विरोध कर रहे हैं। लेकिन उनके विरोध का कोई असर न होता देख अब स्वयं उन्होंने ऑनलाइन मार्केट में उतरने की तैयारी की है। इसी महीने के शुरुआत में देश की बड़ी ऑनलाइन कंपनियों ने फेस्टिव सेल का आयोजन कर तकरीबन 5000 करोड़ रुपए की बिक्री की है। नोमूरा ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि 2019 तक भारत के ई-कॉमर्स का बाजार बढ़कर 35 अरब डॉलर का होने की संभावना है।
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