नई दिल्ली। खाने के सामान की महंगाई दर कुछ कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में मामूली रूप से घटकर 6.69 प्रतिशत रही। सोमवार को महंगाई दर के आधिकारिक आंकड़े जारी हुए हैं, जो कि रिजर्व बैंक के द्वारा तय दायरे के ऊपर ही बने हुए हैं। वहीं सरकार ने जुलाई महीने की खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा संशोधित कर 6.73 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले ये आंकड़ा 6.93 प्रतिशत था।
खुदरा महंगाई में दर में नरमी खाद्य कीमतों में गिरावट की वजह से देखने को मिली है। इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई 9.05 प्रतिशत रही। वहीं जुलाई के दौरान खाद्य महंगाई दर का संशोधित आंकड़ा 9.27 फीसदी रहा है। कीमतों में गिरावट का पूरी खुदरा महंगाई पर असर पड़ा है। अगस्त के दौरान सब्जियों की महंगाई दर 11.41 फीसदी के स्तर पर रही है, जुलाई में ये आंकड़ा 11.29 फीसदी के स्तर पर था। वहीं अगस्त के दौरान ईंधन सेग्मेंट में खुदरा महंगाई दर 3.10 फीसदी के स्तर पर थी जो कि जुलाई के दौरान 2.8 फीसदी थी। वहीं दूसरी तरफ अनाज की खुदरा महंगाई दर जुलाई के मुकाबले 6.96 फीसदी से घटकर 5.92 फीसदी के स्तर पर आ गई। मीट और मछली से जुड़ी महंगाई दर एक महीने में 18.81 फीसदी से घटकर 16.5 फीसदी के स्तर पर आ गई। इसके साथ ही दालों की महंगाई दर 15.92 फीसदी से घटकर 14.44 फीसदी के स्तर पर आ गई।
रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने का जिम्मा सौंपा है। यानि रिजर्व बैंक को महंगाई दर 2 फीसदी से लेकर 6 फीसदी के स्तर के बीच रखना है, फिलहाल महंगाई दर इस लक्ष्य दायरे से बाहर बनी हुई है।
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