जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.93 प्रतिशत पर पहुंची, खाद्य कीमतों में तेजी का असर
जून के महीने में महंगाई दर संशोधित होकर 6.23 फीसदी के स्तर पर
नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी की वजह से जुलाई के महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़त के साथ 7 फीसदी के स्तर के करीब पहुंच गई है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई के दौरान खुदरा महंगाई दर 6.93 फीसदी रही है। जून के महीने में ये 6.09 फीसदी के स्तर पर थी जिसे आज जारी हुए आंकड़ों में संशोधित कर 6.23 फीसदी कर दिया गया है।जून से पहले अप्रैल और मई में खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी नहीं किए गए थे। वहीं अप्रैल के महीने में मार्च के आंकड़ों को 5.91 फीसदी से संशोधित कर 5.84 फीसदी कर दिया गया था।
खुदरा महंगाई दर में बढ़त खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़त की वजह से दर्ज की गई है। सीपीआई आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई महीने में 9.62 प्रतिशत रही। जबकि इससे पिछले माह जून में यह 8.72 प्रतिशत थी। कोरोना संकट और मॉनसून की वजह से आवाजाही में असर पड़ने से खाद्य कीमतों में तेजी देखने को मिली है। सप्लाई चेन में असर की वजह से खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में असर पड़ने से कीमतों में बढ़त का रुख है। वहीं ईंधन की कीमतों में भी लगातार बढ़त का रुख है।
यह लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही है। फिलहाल खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के द्वारा तय की गई सीमा से ऊपर है, केंद्रीय बैंक का लक्ष्य इसे 6 फीसदी की सीमा से नीचे रखना है। सरकार ने खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी के करीब रखने के निर्देश दिए हैं जिसमें 2 फीसदी की बढ़त या गिरावट की संभावना दी गई है। यानि महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के भीतर रखने का लक्ष्य है। रिजर्व बैंक पॉलिसी समीक्षा में मुख्य रूप से महंगाई दर को आधार मानकर ही दरों में कटौती करने या न करने पर फैसला लेता है।