नई दिल्ली। खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर माह में बढ़कर 3.99 प्रतिशत पर पहुंच गई। अगस्त 2019 में यह 3.21 प्रतिशत रही थी। सरकारी आंकड़ो में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमत की वजह से खुदरा महंगाई दर में यह वृद्धि आई है। वहीं दूसरी ओर थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर महीने में गिरकर 0.33 प्रतिशत पर आ गई। थोक मुद्रास्फीति अगस्त 2019 में 1.08 प्रतिशत और पिछले साल सितंबर में 5.22 प्रतिशत थी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पहले अगस्त में 3.28 प्रतिशत थी। वार्षिक आधार पर, सीपीआई महंगाई दर सितंबर 2018 में 3.70 प्रतिशत थी। सांख्यिकी मंत्रालय और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की महंगाई दर सितंबर, 2019 में बढ़कर 5.11 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो इससे पहले के महीने में 2.99 प्रतिशत थी।
सब्जियों की महंगाई दर सितंबर, 2019 में 15.40 प्रतिशत रही। हालांकि, थोक मु्द्रास्फीति आरबीआई के लक्षित सीमा में ही बनी रही। खाद्य सामग्रियों की कीमतें कम होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर महीने में गिरकर 0.33 प्रतिशत पर आ गई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वर्ग की मुद्रास्फीति सिंतबर महीने के दौरान बढ़कर 7.47 प्रतिशत पर रही जबकि गैर-खाद्य उत्पाद वर्ग की मुद्रास्फीति 2.18 प्रतिशत पर रही।
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