नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की सुस्ती के बीच आम आदमी को एक और झटका लगा है। सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए हैं। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 5.54 प्रतिशत हो गई जो पिछले महीने अक्टूबर में 4.62 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति की दर ने बीते 3 साल के सबसे उच्च स्तर को छुआ है। खुदरा महंगाई में लगातार चौथे महीने इजाफा हुआ है। लगातार दूसरे महीने आरबीआई के मध्यम अवधि लक्ष्य (4 प्रतिशत) से अधिक रही। दूसरी ओर अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) 3.8 प्रतिशत गिर गया।
गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों के ऊंचे दाम से अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.62 प्रतिशत पर थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने सितंबर में 3.99 प्रतिशत और एक साल पहले अक्टूबर माह में 3.38 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति की दर में लगातार वृद्धि हो रही है। महंगाई दर बढ़ने का मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों का दाम बढ़ना माना जा रहा है।
नवंबर महीने के लिए कंज्यूमर फुड प्राइस इंडेक्स 10.01 फीसदी पहुंच गया है, जो अक्टूबर महीने में 7.89 फीसदी पर था। नवंबर महीने में खाद्य और पेय के लिए सीपीआई 151.8 पर पहुंच गई है। जबकि पान, तंबाकू और नशीले पदार्थ के लिए सीपीआई 167.9 पर बनी हुई है।
कपड़ों और जूतों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 148.6 पर पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त नवंबर महीने में हाउसिंग के लिए सीपीआई 153.5 पर पहुंच गई है। वहीं फ्यूल और लाइट के लिए ये पिछले महीने के मुकाबले बढ़कर 142.3 पर पहुंच गया है। राज्यों की बात करें तो जम्मू कश्मीर में मुद्रास्फीति 2.51 फीसदी पहुंच गई है। जबकि ओडिशा में मुद्रास्फीति दर 7.23 फीसदी पर पहुंच गई है।
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