नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी के चलते दिसंबर में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर के दौरान कृषि श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर घटकर 3.25 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं ग्रामीण श्रमिकों के लिए महंगाई दर 3.34 प्रतिशत रह गई। श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक दिसंबर 2020 में सीपीआई-एएल (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक - कृषि मजदूर) और सीपीआई- आरएल (ग्रामीण मजदूर) घटकर क्रमश: 3.25 प्रतिशत और 3.34 प्रतिशत रह गया, जो नवंबर 2020 में क्रमश: छह प्रतिशत और 5.86 प्रतिशत था। बयान के मुताबिक सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल के खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति क्रमश: 2.97 प्रतिशत और 2.96 प्रतिशत रही।
इससे पहले दिसंबर के लिए आए महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कीमतों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा नरमी देखने को मिली है। पहले आए आंकड़ों के मुताबिक खाने का सामान सस्ता होने से दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में तेज गिरावट देखने को मिली, और वो घटकर 4.59 प्रतिशत रह गयी। जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर इससे पिछले महीने नवंबर में 6.93 प्रतिशत रही थी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार खाद्य महंगाई दर दिसंबर 2020 में घटकर 3.41 प्रतिशत रह गयी जो एक महीने पहले 9.5 प्रतिशत थी। आंकड़ों के मुताबिक कीमतों में गिरावट का ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर नवंबर के मुकाबले 7.2 प्रतिशत से घटकर 4.07 प्रतिशत पर आ गई। वहीं खाद्य महंगाई दर 9.64 प्रतिशत से गिरकर 3.11 प्रतिशत पर आ गई। दूसरी तरफ शहरी इलाकों में महंगाई दर 6.73 प्रतिशत से गिरकर 5.19 प्रतिशत पर और खाद्य महंगाई 9.23 प्रतिशत से गिरकर 4.08 प्रतिशत पर आ गई। इस दौरान फलों की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है वहीं सब्जियों की कीमतों में गिरावट रही है। दालों और मसालों की कीमतों में भी बढ़त देखने को मिली है।
Latest Business News