नई दिल्ली। गुरुवार को आए महंगाई आंकड़ों के सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अप्रैल में रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) बढ़कर 5.39 फीसदी हो गई है। जबकि मार्च में महंगाई दर 4.83 फीसदी थी। महंगाई दर में यह बढ़ोत्तरी दाल अनाज चीनी और दूसरी खानेपीने की वस्तुओं में तेजी के चलते दर्ज की गई है। दूसरी और कमजोर मांग और घटते निर्यात के चलते आईआईपी में भी 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल इसी अवधि में आईआईपी 2 फीसदी पर था। वार्षिक आधार पर देखा जाए तो 2.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
दाल से लेकर अनाज तक सब महंगा
महंगाई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के महीने में सबसे ज्यादा तेजी दालों की कीमतों में देखने का मिली है। सीपीआई आंकड़ों के मुताबिक दालें पिछले महीने 34 फीसदी तक महंगी हो गई हैं। इसके अलावा चीनी और दूसरी कंफेश्नरी वस्तुओं की कीमत में भी तेज उछाल आया है। इनकी कीमत 11.18 फीसदी तक बढ़ गई हैं। इसके अलावा आम आदमी की खाने पीने की जरूरत की सभी वस्तुएं जैसे मीट अंडे और खाने पीने की चीजों में खास बढ़ोत्तरी हुई है। इसका असर आम लोगों की जीवन शैली पर भी पड़ रहा है। खानेपीने की वस्तुओं के अलावा अप्रैल में हेल्थ कपड़ एजुकेशन सहित दूसरी जरूरतें भी महंगी हो गई हैं।
औद्योगिक उत्पादन की चाल पड़ी धीमी
महंगाई के बाद दूसरा झटका आईआईपी आंकड़ों ने दिया है। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर मार्च में कम होकर 0.1 प्रतिशत रह गई। इससे औद्योगिक उत्पादन में सुधार की उम्मीदों को झटका लगा है। मेन्युफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र के खराब प्रदर्शन तथा कैपिटल गुड्स के उत्पादन में गिरावट से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर धीमी पड़ गई। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही थी जबकि इस साल फरवरी में यह 2 प्रतिशत बढ़ा था।
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