खुदरा महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे पहुंची, औद्योगिक उत्पादन में दर्ज हुई बढ़त
जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 3.96 प्रतिशत रही जो इससे पिछले माह में 5.15 प्रतिशत थी। वहीं जून के दौरान मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और बिजली उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है।
नई दिल्ली। सरकार के लिये आज राहत की दो खबरें एक साथ आई हैं। आज जारी हुए आंकड़ों के अनुसार खाद्य कीमतों में नरमी की मदद से जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे आ गई है। वहीं दूसरी तरफ जून के दौरान औद्योगिक उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा महंगाई दर में उतार चढ़ाव पर गौर करता है। वहीं औद्योगिक उत्पादन बढ़ने का मतलब अर्थव्यवस्था मे रिकवरी दर्ज हो रही है।
खुदरा महंगाई दर में नरमी
खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम होने से खुदरा महंगाई दर जुलाई महीने में नरम पड़कर 5.59 प्रतिशत रही। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर एक माह पहले जून में 6.26 प्रतिशत और एक साल पहले जुलाई महीने में 6.73 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व माह में 5.15 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में 2021-22 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। आरबीआई के अनुसार मुदास्फीति में घट-बढ़ की जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। आरबीआई का लक्ष्य महंगाई दर को 2 से 6 प्रतिशत के बीच रखना है। केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के समय मुख्य रूप से सीपीआई मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है।
जून औद्योगिक उत्पादन में बढ़त
देश का औद्योगिक उत्पादन जून 2021 में एक साल पहले इसी महीने के मुकाबले 13.6 प्रतिशत बढ़ गया। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन जून 2021 में 13 प्रतिशत बढ़ा। खनन उत्पादन में माह के दौरान 23.1 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले साल जून में आईआईपी में 16.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आईआईपी मे 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल इसी तिमाही में इसमें 35.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस महामारी के फैलने के बाद से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं अप्रैल 2020 में इसमें 57.3 प्रतिशत की गिरावट रही। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये लगाया गया देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ था।
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