नयी दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि सोशल मीडिया मंचों और वेबसाइटों पर डाली जाने वाली सामग्री की जिम्मेदारी 'स्पष्ट रूप से परिभाषित' की जानी चाहिए। मंत्री ने आगे कहा कि पिछले कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी और इंटरनेट में बदलाव के लिए इंटरनेट के संचालन ढांचे में बुनियादी स्तर पर पुनर्विचार की जरूरत है।
वैष्णव ने पहले इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ 2021) का उद्घाटन करने के दौरान कहा, ‘‘सामग्री के सृजन के तरीके, सामग्री का उपभोग करने के तरीके, इंटरनेट के उपयोग के तरीके, भाषाएं, जिनमें इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, मशीनें, इंटरनेट का उपयोग करने वाले माध्यम, सब कुछ बदल गया है। इसलिए, इन बुनियादी बदलावों के साथ, हमें निश्चित रूप से इंटरनेट के पूरे संचालन ढांचे में बुनियादी स्तर पर पुनर्विचार की जरूरत है।’’
यह बताते हुए कि भारत इस संबंध में अग्रणी है, वैष्णव ने कहा कि इंटरनेट के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक भारत को दुनिया भर में इंटरनेट के संचालन को परिभाषित करने के तरीके में एक प्रमुख हितधारक होना चाहिए। एक ऐसे युग में जहां सामग्री का निर्माण और उपभोग मोबाइल उपकरणों के माध्यम से किया जा रहा है, मंत्री ने मंच के प्रतिभागियों से सामग्री की जिम्मेदारी सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने और विचार-विमर्श करने के लिए कहा।
इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि वैश्विक इंटरनेट का भविष्य भारत के इंटरनेट परितंत्र और नवाचार क्षमताओं के नेतृत्व में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के भविष्य को ‘‘सावधानीपूर्वक नियोजित’’ करना होगा, यह देखते हुए कि कुछ वर्षों में एक अरब भारतीय उपयोगकर्ता इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे। चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम एक राष्ट्र के रूप में इंटरनेट के भविष्य को सावधानीपूर्वक आकार दें, नीतियों और विनियमों, अधिकारों और जिम्मेदारियों को सावधानीपूर्वक निर्धारित करें।’’
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