नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) को अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है। सरकार ने गुरुवार को बताया कि इस एमनेस्टी स्कीम के तहत केवल 5,000 करोड़ रुपए की अघोषित आय का ही खुलासा किया गया है। इस स्कीम को पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत लोगों को 50 प्रतिशत टैक्स और जुर्माना देकर कालेधन को सफेद बनाने और काूननी कार्रवाई से बचने की सुविधा दी गई थी।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि पीएमजीकेवाई को मिली प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं रही है। तकरीबन 5,000 करोड़ रुपए की आय ही इसके तहत घोषित की गई है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, इस योजना की घोषणा से पहले ही लोगों ने अलग-अलग खातों में अपनी नगदी डालने की कोशिश की और दूसरा इस योजना में टैक्स और जुर्माने की दर बहुत अधिक थी। यह भी पढ़ें: पेट्रोल 1.23 रुपए और डीजल 89 पैसे हुआ महंगा, बिना सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 78.50 रुपए सस्ता
वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएमजीकेवाई से पहले भी ऐसी कई समान योजनाएं आईं और ऐसे में प्रतिक्रिया को अलग-थलग कर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखिए कि पीएमजीकेवाई उस वित्त वर्ष में कोई पृथक योजना नहीं थी। आपके पास पहले आईडीएस थी और फिर आपने देखा कि लोग यह जानकर बैकिंग प्रणाली में पैसा जमा कराने लगे कि इस पर कर देनदारी लगेगी और पीएमजीकेवाई उससे ऊपर था।
उन्होंने कहा, जब आप खुलासा की गई पूरी रकम देखेंगे तो आपको इन तीनों का सामूहिक रूप से देखना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार बेनामी कानून के तहत कालेधन के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे हुए है। जून-सितंबर, 2016 के दौरान आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत 67,382 करोड़ रुपए अवैध धन की घोषणा हुई थी।
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