मेड इन चाइना का विरोध व्यापारियों पर पड़ रहा भारी, दिवाली पर 20-30% बिक्री घटने की आशंका
सोशल मीडिया पर चीन का विरोध करने के लिए मेड इन चाइना प्रोडक्ट न खरीदने के अभियान ने व्यापारियों की नींद उड़ा दी है।
नई दिल्ली। इस बार दिवाली पर देश के खुदरा व्यापारियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक ओर ई-कॉमर्स कंपनियां डिस्काउंट और ऑफर्स का लालच देकर ग्राहकों को अपनी ओर खींचने में लगी हैं। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर चीन का विरोध करने के लिए मेड इन चाइना प्रोडक्ट न खरीदने के अभियान ने व्यापारियों की नींद उड़ा दी है।
भारत के खिलाफ आतंकी हमलों में चीन द्वारा पाकिस्तान का साथ देने का विरोध पूरे देश में हो रहा है। सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर चीन से आयातित सामान न खरीदने की अपील देशवासियों द्वारा की जा रही है। ऐसे में व्यापारियों को अपनी बिक्री 20 से 30 प्रतिशत तक घटने की आशंका सता रही है।
चीनी सामान से पट चुके हैं बाजार
भारतीय बाजार पर मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स का कब्जा पिछले कई सालों से जमा हुआ है। हर बार की तरह इस बार भी व्यापारियों ने दिवाली के लिए चीनी सामान से अपनी दुकाने भर ली थीं। दिवाली के लिए सामान का आयात चीन से दो महीने पहले ही हो चुका है।
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व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा,
चीनी सामान के बहिष्कार का असली असर नए साल और क्रिसमस पर दिखाई देगा। अभी तो ज्यादातर व्यापारियों के पास चीन का माल आ चुका है। यदि दिवाली पर यह नहीं बिकता है तो आयातक नए साल और क्रिसमस के लिए चीन को ऑर्डर देने से बचेंगे।
दिल्ली व्यापार संघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा कहते हैं कि,
यदि चीन के सामान की खरीद 10-15 प्रतिशत भी घटती है तो व्यापारियों के लिए अपनी लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा। जब से यह अभियान चला है, रिटेलरों द्वारा चीन के सामान की मांग कम हो गई है।
- एक मोटे अनुमान के अनुसार अकेले दिवाली पर ही चीन से आयातित सामान का करीब 3,000 करोड़ रुपए का कारोबार होता है।
- घरों में रोशनी के लिए लडि़यां हों, झालर या गिफ्ट आइटम या खिलौने, फर्नीचर या इलेक्ट्रॉनिक्स, रसोई के उपकरण आदि हर तरफ चीन का दबदबा है।
- सस्ते दाम और खूबसूरत डिजाइन की वजह से उपभोक्ता भी चीन के उत्पादों की खरीद पसंद करते हैं।
- चीन विरोधी अभियान की वजह से अभी तक चीनी उत्पादों की खरीद में करीब 10 प्रतिशत की कमी आई है।
- दिल्ली के प्रमुख थोक बाजार सदर बाजार के व्यापारियों का कहना है कि इस बार छोटे रिटेलर इस आशंका में खरीद कम कर रहे हैं कि चीन के प्रति लोगों की नाराजगी की वजह से उनका माल नहीं निकल पाएगा।
दिल्ली हौजरी होलसेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण आनंद ने कहा कि,
सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान से चीनी उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है। हालांकि, चीन का सामान सस्ता होता है और उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है, ऐसे में हमें अपनी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करना होगा, तभी इस तरह का अभियान पूरी तरह सफल हो सकता है।