दुबई। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में जाली भारतीय नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं। यूएई ने लोगों खासकर करंसी मुद्रा एक्सचेंज करने वाली कंपनियों और उनके ग्राहकों को इसके प्रति आगाह किया है। खास बात यह है कि ये जाली नोट पूरी तरह भारतीय मुद्रा से मिलते हैं।
दुबई मीडिया की खबरों के अनुसार इन जाली नोटों को छापने में इस्तेमाल टेक्नोलॉजी इतनी बेहतर है कि सामान्य लोग ही नहीं एक्सचेंज के कर्मचारियों के लिए भी इन्हें पकड़ना मुश्किल है। हाल में शारजाह की फॉरेन करेंसी एक्सचेंज कंपनी को यूएई सुप्रीम कोर्ट ने जाली मुद्रा मामले में बरी किया है। एक अखबार के मुताबिक इसी कंपनी के अधिवक्ता ने जाली नोटों के बारे में जानकारी दी है।
जून में एक भारतीय जिसका नाम सिर्फ एम एस बताया गया है, को शारजाह सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। इस तरह की सूचना मिली थी कि दिरहम के बदले में एक ग्राहक को कुछ भारतीय नोट दिए गए जो बाद में नकली पाए गए। पुलिस को इस बारे में सूचना केरल की एक महिला की गिरफ्तारी के बाद मिली थी। इस महिला ने एक बैंक को कुछ जाली भारतीय नोट दिए थे।
अधिवक्ता मोहम्मद अलावी ने बताया कि उस महिला के पति ने कुछ भारतीय रुपए के बदले दिरहम लिया था। महिला ने केरल के एक बैंक में अपनी पुत्री के शिक्षा रिण के भुगतान के रूप में 6,000 रुपए दिए थे। इनमें से पांच 1,000 के नोट जाली पाए थे। जांच के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दी है कि बिना विशेष प्रकार की मशीनों के इस्तेमाल के जाली नोटों को पकड़ा नहीं जा सकता।
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