मुंबई। लगातार ऊंची वृद्धि दर के लिए कृषि क्षेत्र की वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आज कहा कि ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को चुस्त-दुरुस्त किए जाने की जरूरत है अन्यथा ऋण मांग में वृद्धि निम्न ही रहेगी।
एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने यहां सीआईआई के कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बैंकों के समक्ष इस समय दो चुनौतियां-पूंजीगत वृद्धि व आस्ति गुणवत्ता से जुड़ी चिंताएं हैं।
- उन्होंने कहा, आस्ति गुणवत्ता संबंधी चिंताएं मांग में कमी तथा तेजी के वर्षों में देय ऋण के कारण है।
- मध्यावधि में दोनों में सुधार होता नजर नहीं आया। इसलिए हमें कृषि क्षेत्र की वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
- कुल ऋण वृद्धि अब तक अपने दशकों के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर है। फौरी तौर पर इसमें सुधार नजर नहीं आ रहा।
- उन्होंने कहा कि दो लगातार खराब मानसून की मार कृषि क्षेत्र पर पड़ी है और इस पर अलग से ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
- ग्रामीण खंड में कमजोर मांग का असर एसबीआई की कृषि ऋण बुक में निम्न वृद्धि के रूप में भी परिलक्षित हुआ है।
विदेशी निवेश सीमा बढाने के लिए मंजूरी लेगा कोटक बैंक
कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा कि वह विदेशी निवेश सीमा को मौजूदा 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगेगा। बैंक ने बीएसई को सूचित किया है कि निदेशक मंडल की बैठक हुई जिसमें इस आशय के प्रस्ताव पर सहमति जताई गई।
- इसके तहत विदेशी संस्थागत निवेशकों व विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की कुल अंशधारिता को बढ़ाकर चुकता पूंजी के 49 प्रतिशत किया जाना है।
- उल्लेखीय है कि इसी महीने कोटक महिंद्रा बैंक ने विदेशी संस्थागत निवेशकों व विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए निवेश सीमा को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया था।
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