वॉशिंगटन। भारत में इस साल रेमिटेंस (विदेशों से भेजा जाने वाला धन) 65.5 अरब डॉलर रह सकता है। यह पिछले साल आए कुल रेमिटेंस से 5 फीसदी कम होगा। 2015 में भारत दुनिया में सबसे ज्यादा रेमिटेंस हासिल करने वाला देश था। वर्ल्ड बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि रेमिटेंस स्रोत देशों में कमजोर आर्थिक वृद्धि और कमजोर तेल कीमतें रेमिटेंस में कमी का प्रमुख कारण है।
वर्ल्ड बैंक ने रेमिटेंस पर अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 2016 में भारत में आने वाले रेमिटेंस में 5 फीसदी और बांग्लादेश में 3.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है, जबकि पाकिस्तान में आने वाले रेमिटेंस में 5.1 फीसदी और श्रीलंका में 1.6 फीसदी की वृद्धि होगी।
- हालांकि वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि इस गिरावट के बावजूद रेमिटेंस प्राप्त करने में अब भी भारत अव्वल बना रह सकता है।
- रिपोर्ट के अनुसार 2016 में भारत को 65.5 अरब डॉलर विदेशी मनीऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
- इसके बाद चीन का नंबर है, जिसे 65.2 अरब डॉलर का मनीऑर्डर मिलने की संभावना है।
- पाकिस्तान के इस सूची में पांचवें स्थान पर आने का अनुमान है, और उसे 20.3 अरब डॉलर की प्राप्ति होने की संभावना है।
- वर्ल्ड बैंक के अनुसार दक्षिण एशिया को रेमिटेंस 2016 में 2.3 प्रतिशत घटने का अनुमान है।
- 2015 में भारत को विदेश में काम करने वाले अपने लोगों से 69 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला था।
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